राम रहीम के डेरे से मिले AK-47 सहित कई हथियार व विस्फोटक
नई दिल्ली। केवल नाम रख लेने से कोई राम नहीं बन जाता। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने राम नाम की आड़ में अपने भीतर रावण को पाला और पाप की लंका खड़ी कर ली। लाखों अनुयायियों के बूते स्थानीय सरकारों को अपने खर-दूषण बनाकर रखा। तेजी से अपनी सम्पत्ति और ताकत बढ़ाई। सरकारों से रेप करते-करते वह कानून को भी अपनी नाजायज सन्तान समझने लगा।
शुक्रवार को उसका भ्रम टूटा तो अनुयायी और अनुयायियों की आड़ में उसके गुंडों ने हिंसा का नंगा नाच दिखाया। बीजेपी सरकार तब भी चुप रही तो कोर्ट को बोलना पड़ा। कोर्ट ने खट्टर सरकार की खाट खड़ी की तो सरकार को राजधर्म याद आया।
आनन-फानन में सरकार ने पाप की लंका पर चढ़ाई करने की ठानी। देशभर में राम रहीम के करीब सवा सौ डेरे सीज कर दिए गए हैं।
कुछ डेरों में तो AK-47 सहित कई हथियार व विस्फोटक भी मिले हैं। सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय को सेना ने घेर लिया है। लेकिन सेना खुद कह रही है कि अभी उसने डेरे में प्रवेश नहीं किया है।
सवाल अपनी जगह कायम है। सेना आखिर अब तक डेरे में क्यों नहीं घुसी। क्या कोई राजनीतिक दबाव है जो अब भी सेना को अब ही रोके हुए हैं। सेना तो शुक्रवार को भी अलर्ट थी, तब क्यों उसे केवल मूकदर्शक बनाकर रखा गया? क्यों 32 मौतों को नौबत आई? सवाल और भी कई हैं।
निजी सशस्त्र सेना बना रखी है
कई साल पहले ही सेना इस बात का खुलासा कर चुकी है कि राम रहीम ने अपनी निजी सशस्त्र सेना बना रखी है। एके 47 जैसा हथियार सिविलियन को रखने की अनुमति नहीं है लेकिन बाबा के डेरे में यह हथियार भी है। तब तत्कालीन सरकार ने सेना की इस जानकारी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
सेना ने दिसंबर 2000 में एडवाइजरी जारी की थी। इसमें बताया कि डेरे में निजी गार्ड्स को अवैध हथियारों से फौजी ट्रेनिंग दी जा रही है। तब इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर हरियाणा सरकार से अवैध हथियारों की मौजूदगी और ट्रेनिंग के मामले की पूरी जानकारी मांगी थी। शर्मनाक यह रहा कि सरकार ने पूरे मामले में डेरा को क्लीन चिट देकर अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
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