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7 और बच्चों की मौत, कुल 55 मरे, केवल प्रिंसीपल सस्पेंड, वाह रे ‘योगीराज’

लखनऊ। मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के निर्वाचन क्षेत्र गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 7 और बच्चों की शनिवार को मौत हो गई। मरने वालों का कुल आंकड़ा 55 तक पहुंच गया। तब जाकर सरकार ने सिर्फ मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल डॉ. राजीव मिश्र को निलंबित करने जैसा कदम उठाया है। योगी राज की ढिलाई और लापरवाही को लेकर देशभर में सवाल उठ रहे हैं।

हर तरफ से घोर निंदा, आरोप प्रत्यारोप और लापरवाही के तीर चलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को घटना की जानकारी लेने गोरखपुर भेजा।

शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर भेजे गए अपने मंत्रियों सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन से रिपोर्ट ली और प्रेस कांफ्रेस बुलाकर कहा कि कोई भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है जो ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी की भूमिका की जांच करेगी। अब तीन दिन में अचानक 55 मौतें कैसे हुईं, इस पर वह कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके।
घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस, सपा, बसपा ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। घटना को लेकर कई जगह प्रदर्शन भी हुए। तब जाकर राज्य सरकार ने महज प्रिंसीपल को सस्पेंड कर लोगों का गुस्सा शांत करने की कोशिश की। जिम्मेदार मंत्री तक कोई आंच तक नहीं पहुंची है।

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, कमीशनखोरी, मेडिकल कॉलेज में प्रिंसिपल की पत्नी के दखल आदि आरोपों की जांच भी होनी चाहिए।

सरकार की भागदौड़

शनिवार सुबह मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को अपने आवास पर बुलाकर उन्हें तत्काल गोरखपुर जाने का फरमान सुनाया। दोनों मंत्रियों से शाम को रिपोर्ट लेकर मुख्यमंत्री योगी ने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल्‌, सिद्धार्थनाथ सिंह और आशुतोष टंडन के साथ प्रेस कांफ्रेस की।

यह दी सफाई

योगी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई है। पहली नजर में प्रिंसिपल की लापरवाही सामने आई है, इसलिए, उन्हें निलंबित किया गया है। तब मीडिया ने सवाल दागा कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें नहीं हुईं तो निलंबन क्यों?

इस पर मंत्री टंडन ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाली कंपनी का भुगतान रोकने की वजह से उन्हें निलंबित किया गया। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उन्होंने पूरे मामले की रिपोर्ट प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भेजी है।
55 मौतों से गोरखपुर में हालात संवेदनशील बने रहे। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिनभर बवाल की आशंका में पुलिस फोर्स तैनात रही। इधर, राजधानी में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती ने इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया तो उधर काग्रेसियों ने प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर के साथ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।

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