आज रक्षाबंधन पर दोपहर 1.52 पर खण्डग्रास चन्द्रग्रहण का सूतक शुरू हो चुका है। इसी के साथ देश-विदेश के सभी मंदिरों के कपाट बंद हो चुके हैं। सूतक व चन्द्रग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। ग्रहण का समय रात्रि 10.33 से 12.48 बजे तक है। यह खंडग्रास चन्द्रग्रहण पूरे भारत में दिखेगा।
देखें वीडियो
जानिए ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या वर्जित है-
-ग्रहण के समय भगवान का जप- ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है। ग्रहण के समय सभी काम छोड़ कर मौन और जप करिए।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ने चाहिए।
-स्कन्द पुराण के अनुसार ग्रहण के समय दूसरे का अन्न खाने से 12 साल का किया हुआ जप, तप, दान स्वाहा हो जाता है।
-ग्रहण के समय अपने घर की चीज़ों में कुश, तुलसी के पत्ते अथवा तिल डाल देने चाहिए।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय रुद्राक्ष की माला धारण करने से पाप नाश हो जाते हैं।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय दीक्षा अथवा दीक्षा लिए हुए मंत्र का जप करने से सिद्धि हो जाती है।
ग्रहण लगने के पहले खान – पान ऐसा करिए कि आपको बाथरूम में ना जाना पड़े।
-गर्भवती महिलाएं घर के अंदर ही रहें।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय सोने से रोगों की मात्रा बढ़ती है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय सम्भोग करने से सूअर की योनि मिलती है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए, दरिद्रता आती है।
-ग्रहण के समय धोखाधड़ी और ठगाई करने से सर्पयोनी मिलती है।
-ग्रहण के समय शौच नहीं जाना चाहिए, वर्ना पेट में कृमि होने लगते हैं।
-इसके अलावा ग्रहण के समय जीव-जंतु या किसी की हत्या हो जाय तो नारकीय योनि में जाना पड़ता है।
-माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन व मालिश करने वाले को कुष्ट रोग हो जाता है।