मुंबई। कॅरियर और जॉब के चक्कर में खून-दूध के रिश्ते कितने खोखले हो चुके हैं, इसकी बानगी है यह खबर। बेटा अमेरिका में लाखों डॉलर कमाता रहा और यहां उसकी मां अकेलेपन को आंचल में समेटे मौत का कफन ओढ़कर सो गई। पूरे एक साल तक बेटा अपनी मां की मौत से बेखबर रहा। करोड़ों की मालकिन भूख और एकाकीपन की अंधी दुनिया में खो गई।
लोखंडवाला इलाके की एक पॉश सोसाइटी की दसवीं मंजिल पर स्थित एक फ्लैट से पुलिस ने 63 वर्षीय महिला आशा केदार साहनी का कंकाल बरामद किया है। इस बूढ़ी महिला की मौत करीब एक साल पहले हो चुकी थी।
उसका इकलौता बेटा रितुराज साहनी परिवार के साथ अमेरिका में ही रहता है और उसे एक साल से अपनी मां की सुध लेने की फुर्सत नहीं मिली। रविवार को जब वह घर पहुंचा तो मां के फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा तोड़ने के बाद अंदर देखा तो बेड पर मां का कंकाल पड़ा था।
रितुराज ने पुलिस को बताया कि उसके पिता केदार साहनी की 2013 में डेथ हो चुकी है। यहां मां अकेली रहती थी। वह नियमित रूप से मां को खर्चा भेजता रहा। मां के नाम पर बेलस्कॉट टावर में 5 से 6 करोड़ रुपए कीमत के दो फ्लैट भी खरीद रखे हैं।
पुलिस के अनुसार आशा ने अप्रैल 2016 में आखिरी बार बेटे को फोन करके कहा था कि वह अब अकेलेपन से थक चुकी है और किसी वृद्धाश्रम में चली जाएगी। पुलिस को शक है कि भूख-कमजोरी और अकेलेपन से उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने कंकाल का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए गोरेगांव के सिद्धार्थ अस्पताल भेज दिया है।
पीएम रिपोर्ट, फॉरेंसिक रिपोर्ट, रितुराज के मोबाइल कॉल्स की सीडीआर, सीसीटीवी आदि से पुलिस वृद्धा की मौत की जांच में जुटी है।