इस बार रक्षाबंधन पर बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए सिर्फ 2 घंटे 45 मिनट ही मिलेंगे। उसमें भी अगर शुभ और मंगलकारी समय को शामिल कर लें तो मात्र ढाई घंटे ही राखी बांधने का समय मिलेगा।
श्रावण पूर्णिमा पर रात 10.52 बजे श्रवण नक्षत्र मकर राशि पर खंड चंद्रग्रहण लग रहा है। यह मध्य रात्रि 12.48 बजे तक बना रहेगा। धर्मशास्त्रीय विधान के अनुसार चंद्रग्रहण से 9 घंटे और सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले तक सूतक होता है। रक्षा बंधन के दिन 7 अगस्त को दोपहर 1.53 बजे से चंद्रग्रहण का सूतक काल आरंभ हो जाएगा।
राखी बांधने के लिए मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना होगा। दिन में 11.30 से 1.52 बजे तक (2 घंटे 22 मिनट) के बीच राखी बांधी जा सकेगी।
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि ग्रहण काल के दौरान भगवान की आराधना नहीं करनी चाहिए। वहीं इस दौरान कोई शुभ काम नहीं किया जाता। ऐसा माना जाता है कि चंद्रग्रहण कुंवारों के लिए अच्छा नहीं होता है क्योंकि सुंदरता का प्रतीक चंद्रमा तो श्रापित है और जो भी कुंवारा लड़का या लड़की उसे देखता है तो उसकी शादी या तो रूक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है। कहा जाता है कि इस दौरान किए गए काम से इंसान का नुकसान और अहित ही होता है इसलिए चंद्रग्रहण से पहले और ग्रहण तक हर अच्छे काम नहीं करने चाहिए।
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