अजमेर। चिकित्सा विभाग की टीम ने गंज इलाके में स्थित मलिक हाॅस्पिटल में अवैध गर्भपात का भंडाफोड़ किया है। मौके पर गर्भपात के बाद लेटी एक कुंवारी युवती को पकड़कर लगभग 5 माह का भ्रूण भी कब्जे में लिया है। अलबत्ता डाॅ. राजेन्द्र मलिक और डाॅ. साधना मलिक भागने में कामयाब रहे।
विभाग को लम्बे समय से यहां अवैध गर्भपात होने की शिकायतें मिल रही थी। इस पर गुरुवार को विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई अंजाम दी। हाॅस्पिटल में थोड़ी देर पहले ही शास्त्रीनगर निवासी अविवाहित युवती का गर्भपात किया गया था।
पुलिस ने भ्रूण कब्जे में लेकर जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। शुक्रवार को मेडिकल ज्यूरिस्ट से उसका पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ रामलाल चौधरी ने बताया कि भनक लगते ही डाॅ. राजेन्द्र मलिक और डाॅ. साधना मलिक मौके से भाग छूटे। अस्पताल में केवल दो नर्सिंग स्टाफ मिले। उनसे पूछताछ की तो वेे गुमराह करने लगे। तलाशी ली तो हॉस्पिटल में ही वह युवती लेटी हुई मिल गई। उसे जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कार्यवाहक थानाधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग की शिकायत पर मलिक हाॅस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 315,318 और एमटीपी एक्ट की धारा 3 व 4 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस हाॅस्पिटल संचालक की भी तलाश कर रही है। युवती को जनाना अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। महिला चिकित्सक से उसकी जांच करवाई जाएगी।
गर्भपात की दवाइयां भी बरामद
चिकित्सा विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर भी मौके पर पहुंचे। ड्रग इंस्पेक्टर ने मौके से गर्भपात की दवाईयां भी जप्त की है। उक्त दवाइयों का कोई बिल भी बरामद नहीं हुआ।
धड़ल्ले से हो रहे गर्भपात
शहर में कई मेडिकल स्टोर और निजी अस्पताल ऐसे हैं जो धडल्ले से यह घिनौना काम कर रहे हैं। कई डॉक्टरों ने अपने बंगलों को भी कत्लखाना बना रखा है। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ सरकारी डिस्पेंसरियों में भी यह काम हो रहा है। डिस्पेंसरी का समय खत्म होने के बाद गर्भपात कराया जाता है। इसमें डिस्पेंसरी की नर्स दलाल की भूमिका निभाती है।