नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सजा काट रहे रॉबर्ट पायस ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। रॉबर्ट ने तमिलनाडु सरकार और राज्य के जेल उप महानिदेशक को पत्र भेजा है।
रॉबर्ट पायस पिछले 26 साल से जेल में बंद हैं । इसकी रिहाई की मांग कई बार होती रही है।
दरअसल राज्य सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा से दया याचिका के निपटारे में देरी के कारण सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने वाले सभी दोषियों संथन, मुरुगन, पेरारीवलन और उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार को रिहा करने का आदेश दिया था। केंद्र सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी तो कोर्ट ने रिहाई पर रोक लगा दी थी।
साल 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के फैसले को तमिलनाडु सरकार ने जनता का फैसला बताते हुए सही ठहराया था।
तमिलनाडु सरकार की दलील थी कि सभी दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील हो चुकी है। इस तरह के जीवन का क्या मतलब जिसमें कोई उम्मीद ना हो।
राज्य सरकार ने कहा कि राजीव गांधी के हत्यारों को यूपीए सरकार जब सत्ता में थी, तो न तो वह फांसी देना चाहती थी और न ही विपक्षी पार्टी ने इसके लिए कोई आवाज उठाई थी। किसी भी सरकार ने उन्हें फांसी पर लटकाने की इच्छा शक्ति नहीं दिखाई थी। अब उन्हें उम्रकैद हो चुकी है। ऐसे में उन्हें कब तक जेल में रखा जाए।