श्रीनगर। भारत-पाक के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव का असर अब व्यापार पर भी पड़ने लगा है। पाकिस्तान ने सोमवार को कारवां-ए-अमन के यात्रियों का आदान-प्रदान रोकने के बाद मंगलवार को कारवां-ए- तिजारत पर भी रोक लगा दी। इस पर भारत से गए सामान से भरे 50 ट्रक वापस लौट आए।
कारवां-ए-अमन बस सेवा हर सोमवार को होती है जबकि कारवां-ए-तिजारत मंगलवार से शनिवार तक जारी रहती है। मंगलवार को सलामाबाद उड़ी स्थित ट्रेड फैसिलटेशन सेंटर से हमारे 50 ट्रक माल लेकर गुलाम कश्मीर के लिए रवाना हुए।
अमन कमान सेतु पर कस्टम संबंधी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए जब ट्रक एलओसी पार करने के लिए आगे बढ़े तो पाकिस्तानी सैनिकों ने अपने क्षेत्र में पुल का गेट ही नहीं खोला।
भारतीय ट्रक सुबह से लेकर शाम तक वहीं अमन कमान सेतु के पास खड़े रहे। संबंधित अधिकारियों ने पाकिस्तानी सेना से संपर्क कर व्यापारिक ट्रकों की अदला-बदली के बारे में पूछा, लेकिन कोई जवाबी नहीं मिला। इसके बाद हमारे ट्रक वापस लौट आए।
कोई भी अधिकारी बस सेवा और व्यापार को पाकिस्तानी द्वारा रोके जाने का सही कारण बताने को तैयार नहीं है।
यह है कारवां – ए- तिजारत
भारत-पाक के बीच हुए एक समझौते के तहत अप्रैल 2005 में श्रीनगर से गुलाम कश्मीर की राजधानी तक शुरू की गई बस सेवा को कारवां-ए-अमन कहते हैं।
यह बस सेवा एलओसी के दोनों तरफ बसे परिवारों के लिए है। इसी बस सेवा की तर्ज पर वर्ष 2008 में जम्मू-कश्मीर व गुलाम कश्मीर के बीच ड्यूटी फ्री क्रास एलओसी बार्टर ट्रेड शुरू किया गया है। इस व्यापार को कारवां-ए- तिजारत कहते हैं।