एटा। नरेन्द्र मोदी के चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के सफर ने पटियाली स्टेशन पर चाय बेचनेवाली 23 वर्षीय पूजा को ऐसी प्रेरणा दी कि उसने भी राजनीति में कदम रखने का मन बना लिया। 13 दिसम्बर की मतगणना ने उसके सपनों को उस समय हकीकत में बदल दिया जब पटियाली मजराजात पंचायत के निर्वाचन में उसे विजयी घोषित कर दिया।
पूजा बताती है कि उसका मायका एटा के अलीगंज में है तथा उसने ग्रेजुएशन के बाद बीएड भी किया है। लेकिन जब सरकारी नौकरी न मिली तो पति मुनेश शाक्य के साथ पटियाली स्टेशन पर चाय बेचने लगी। इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्टेशन पर चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री तक के सफर की कहानी उनकी जानकारी में आई। बस उसके दिमाग में भी यह बात घर कर गई कि वह क्यों नहीं चुनाव लड़ सकती।
पूजा ने घर पर बात चलाई तो परिजनों ने सहयोग नहीं किया। मगर किस्मत की धनी पूजा के भाग्य से जब परिसीमन में सीट ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई तो पति ने नामांकन करा दिया। नामांकन के बाद भी विरोधियों ने तमाम प्रलोभन दिए, दबाव भी डाले किन्तु अडिग रही पूजा ने लोगों को सकारात्मक सोच के साथ ऐसा बदला कि वह 111 मतों से विजयी घोषित हो गई।
विजयी पूजा का कहना है कि अब वह गांववालों की अपेक्षा पर खरी उतरने का प्रयास करेंगी। पति मुनेश के अनुसार दोनों मिलकर रोजाना तीन-चार सौ कमा लेते हैं। उनके लिए यही पर्याप्त है।
…इधर मौत के बाद मिला जीत का हार
अलीगंज ब्लाक के ग्रामपंचायत फतेहपुर के नतीजे ने वहां मौजूद लोगों की आंखों को उस समय नम कर दिया जब इस चुनाव में मतदान के दो दिन बाद हृदयाघात से मरे संतोषपाल सिंह को विजयी घोषित किया गया। इस सीट पर दो ही प्रत्याशी थे। रविवार की मतगणना में संतोषपाल को 289 वोट निकले जबकि उनके प्रतिद्वंदी गुलाबसिंह को 175 वोट मिले। इस परिणाम को सुन वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं।