वाशिंगटन। दुनिया में यूरोप समेत कई देशों में कुछ बड़े संस्थानों पर साइबर हमला हुआ है। इससे दुनियाभर में सनसनी फैली हुई है। हैकर्स ने इन संस्थाओं के सभी कम्प्यूटर लॉक कर दिए हैं। उनकी सभी फाइलें अपने कब्जे में ले ली हैं। बदले में बिटकॉइन (डिजिटल मनी) के रूप में फिरौती मांगी गई है।
खास बात यह है कि इन संस्थानों में कुछ चिकित्सा संस्थान भी हैं। उनमें कामकाज ठप होने से खलबली मची हुई है।
इंग्लैंड में नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से जुड़े कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया है। हैकर्स ने लंदन, ब्लैकबर्न और नॉटिंघम जैसे शहरों के हॉस्पिटल और ट्रस्ट के कम्प्यूटर्स बंद कर दिए हैं। इन्हें चालू करनी की एवज में फिरौती मांगी गई है।
अपनी परेशानी साझा करते हुए वहां के डॉक्टर्स ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हमारे अस्पताल बंद हैं। उन्हें मैसेज मिला है जिसमें लिखा है कि कम्प्यूटर को खोलने के लिए पैसे देने होगे। इस मैसेज के बाद सिस्टम पर कुछ काम नहीं हो सकता है। अनुसार ब्रिटेन के कई अस्पतालों का कहना है कि इस साइबर अटैक की वजह से उन्हें कंप्यूटर ऑन करने में परेशानी हो रही है।
300 डॉलर बिटकॉइन की मांग
हैकर्स ने कम्प्यूटर वापस चालू करने और फाइल रिकवर करने के बदले 300 डॉलर बिटकॉइन की मांग की है। साथ ही धमकी दी गई है कि पैसे देने में जितना समय लगेगा फिरौती की रकम उतनी बढ़ेगी और ज्यादा टाइम होने पर सभी फाइल्स को डिलीट कर दिया जाएगा।
हैकरों ने चोरी किया प्रोग्राम
साइबर मालवेयर प्रोग्राम को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने विकसित किया था। इसे हैकर्स ने चुरा लिया और अब यह बड़ा साइबर हमला किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा रैंसमवेयर हमला है।
विंडोज एक्सपी को बनाया निशाना
खास बात यह है कि साइबर अटैक विंडोज (एक्सपी) पर चल रहे कम्प्यूटरों पर हो रहा है। परेशानी की बात यह भी है कि माइक्रोसॉफ्ट ने इस ऑपरेटिंग सिस्टम का सपोर्ट पहले ही बंद कर दिया है। इसके बावजूद कई एटीएम इसी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम कर रहे हैं।
अलर्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही विंडोज यूजर्स के लिए एक सिक्योरिटी पैच अपडेट किया था। साइबर अटैक से बचने के लिए इसे इंस्टॉल कर लेना चाहिए। साथ ही अपने सिस्टम में अच्छी कंपनी का एंटी वायरस डालें। जब भी अपने कम्प्यूटर को मोबाइल, पैन ड्राइव या किसी दूसरे डिवाइस से जोड़ें तो उसे स्कैन करें। किसी ऑनलाइन साइट से कुछ डाउनलोड करें या कुछ देखें तो पहले देख लें कि वह साइट रजिस्टर्ड हो। अपने सिस्टम को समय समय पर फॉर्मेट कराते रहें।
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