नई दिल्ली। बैंक अब गंदे या कुछ लिखे हुए नोट लेने से इनकार नहीं कर सकते। खुद भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है बैंक गंदे या लिखे हुए नोट लेने से मना नहीं कर सकते। ऐसे नोटों को ‘बेकार नोट’ मानकर आरबीआई की ‘साफ नोट नीति’ के मुताबिक इनका निपटारा कर चाहिए।
रिजर्व बैंक के पास ऐसी शिकायतें आ रही थीं कि बैंक खासकर 500 और 2,000 रुपए के ऐसे नोट लेने से इनकार कर रहे हैं, जिन पर कुछ लिखा हो या जिन पर रंग लग गया हो या फिर धुलाई की वजह से जिनका रंग छूटा हो। इन्हीं शिकायतों के बाद आरबीआई ने बैंकों को यह सर्कुलर जारी किया।
सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलने के बाद कि ऐसे नोट स्वीकार नहीं किए जाएंगे, ज्यादातर बैंक गंदे नोट लेने से आनाकानी कर रहे हैं।
इस बीच आरबीआई ने स्पष्ट किया कि लिखावट को लेकर उसका पूर्व में जारी निर्देश बैंक स्टाफ के लिए था कि वह नोटों पर कुछ नहीं लिखें। यह निर्देश इसलिए देना पड़ा क्योंकि आरबीआई को पता चला कि खुद बैंक अधिकारियों को नोटों पर लिखने की आदत हो गई है जो रिजर्व बैंक की क्लीन नोट पॉलिसी के खिलाफ है।
रिजर्व बैंक ने सरकारी कर्मचारियों, संस्थानों और आम लोगों से बैंक नोटों पर कुछ नहीं लिखकर इन्हें साफ-सुथरा रखने में मदद करने का आग्रह किया है।
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