नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने पूरे ब्राह्मण समाज को भावनात्मक चोट पहुंचाकर मुसीबत मोल लेली है।
अखबारों में भले ही अपना पक्ष मजबूती से छपवाकर उन्होंने खुद को ब्राह्मण समाज का सम्मान करने वाला बताया है लेकिन इससे ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर होती नजर नहीं आ रही है। उन्होंने देवनानी को मंत्री पद से हटाने की मांग पकड़ रखी है।
दरअसल देवनानी अकेले सिंधी वोटों से नहीं जीते हैं। उनकी जीत में ब्राह्मण समाज से लेकर वणिक वर्ग, माली समाज और बीजेपी समर्थित अन्य समाजों का बड़ा हाथ रहा है।
अपने बड़बोलेपन के कारण वे ‘पंडितों’ की नाराजगी का पात्र बन गए। अपनी भूल पकड़ में आते ही उन्होंने सफाई तो दी लेकिन इससे भी ब्राह्मण समाज की नाराजगी दूर नहीं हो सकी है।
उनकी नाराजगी अकेले लोकेश शर्मा से हो सकती है जिन्होंने उनके ‘प्रोफेसर’ कहलाने पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा दिया। इससे भड़के देवनानी ने पूरे ब्राह्मण समाज की अस्मिता पर टिप्पणी करके बवाल खड़ा कर दिया है।
सोमवार को ब्राह्मण महासभा के बैनरतले विप्र बंधुओं ने राज्यभर में प्रदर्शन किया। इससे घबराए देवनानी ने डेमेज कंट्रोल की कोशिश की लेकिन नाकामयाब रहे।
देवनानी के मैनेजमेंट का यह भी कमाल रहा केि कुछ अखबारों में उनके खिलाफ प्रदर्शन की खबर या तो छपी ही नहीं, या फिर छोटी छपी जबकि देवनानी का पक्ष लंबा चौड़ा प्रकाशित किया गया। इससे विप्र बंधु चकित हैं। हालांकि देवनानी यहां भी मात खा गए।
ब्राह्मण समाज से सीधे-सीधे माफ़ी मांगकर वह इस मुसीबत से निकल सकते थे लेकिन उन्होंने सफाई देकर भी रायता फैला दिया है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण को सुनियोजित बताकर उनकी छवि बिगाड़ने वाला बता दिया। इससे ब्राह्मण समाज में और नाराजगी बढ़ गई है।