मुम्बई। अब कोई भी हाउस रेंट की फर्जी रसीद लगाकर इंकमटैक्स नहीं बचा पाएगा। अगर ऐसा किया तो आयकर विभाग के जाल में फंस जाएगा।
ये सबूत चाहिए
आयकर अधिकारी अब दिखाई गई टैक्सेबल इनकम का आंकड़ा मंजूर करते वक्त सबूत मांग सकते हैं। इसमें लीज एंड लाइसेंस एग्रीमेंट, किराएदारी के बारे में हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी को जानकारी देने वाला लेटर, बिजली का बिल और पानी का बिल जैसे सबूत हो सकते हैं।
अब तक यह होता रहा
घर के किराये की फर्जी रसीदों को एम्पलॉयर्स भी नजरअंदाज करते आए हैं। टैक्स अधिकारी भी इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे।
मगर अब आयकर विभाग अब इसका ठोस सबूत मांग सकता है कि आपने जहां की रेंट रसीद दी है, वहां आप वास्तव में किराए पर रहते हैं। इसके लिए उन्हें किराए की असली रसीद लगानी होगी।
कई जगह देखा जाता है कि कर्मचारी अपने पिता के घर में रह रहा होता है और रेंट स्लिप लगा देता है। कभी-कभी किराएदार होने पर भी किराए की रकम बढ़ाकर दिखाई जाती है। मगर अब ऐसा नहीं चलेगा।