लाहौर। एक जाति या गोत्र में चचेरे और ममेरे भाई-बहनों के बीच हो रही शादियों के कारण पाकिस्तान में लाइजोमल स्टोरेज डिजऑर्डर (एलएसडी ) जैसी आनुवांशिक बीमारियां बढ़ रही है। डॉक्टरों ने इस तरह की शादियों को हतोत्साहित करने की सलाह दी है।
डॉक्टरों का कहना है कि अगर एलएसडी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो इस बीमारी से पीड़ित बच्चों को पांच साल से अधिक समय तक जीवित रहना मुश्किल है। इलाज के जरिए ऐसे बच्चों को दुखद मौत से बचाया जा सकता है, लेकिन उपचार काफी खर्चीला है।
यहां मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक कार्यशाला में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सरकार से आनुवांशिक बीमारियों से ग्रसित बच्चों के लिए एक प्रभावी नीति बनाने का अनुरोध किया।
कार्यशाला में डॉ. हुमा अरशद चीमा ने कहा कि जब शरीर में उत्सर्जित पदार्थों को तोड़ने वाली विशेष प्रकार की एंजाइम में गड़बड़ी हो जाती है तो एलएसडी नामक बीमारी होती है जिससे हड्डियों में असामान्य परिवर्तन, छाती में संक्रमण, यकृत के आकार में वृद्धि और केंद्रीय स्नायु तंत्र पर भी इसका स्पष्ट प्रभाव दिखता है।