लुधियाना। यहां की जिला अदालत ने एक अनोखा फैसला सुनाकर सबको हैरान कर दिया है। कोर्ट ने मुआवजे के एक मामले में परिवादी किसान को पूरी ट्रेन का मालिक बना दिया।
पूरा मामला 2007 में लुधियाना-चंडीगढ़ रेलवे लाइन के निर्माण से जुड़ा है।
भारतीय रेलवे ने रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहित की थी। अपनी जमीन का मुआवजा मांगने के लिए लुधियाना जिले के कटान गांव के रहने वाले किसान समपूरण सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
लुधियाना के डिस्ट्रिक्ट जज जसपाल वर्मा इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। अदालत ने अपने पहले फैसले में इंडियन रेलवे को किसान को 1 करोड़ 47 लाख का बढ़ा हुआ मुआवजा देने को कहा था।
लेकिन रेलवे ने उसे 42 लाख रुपए ही दिए। इस पर किसान समपूरण सिंह एक बार फिर कोर्ट के दरवाजे पहुंचा। इस पर अदालत ने अनोखा फैसला सुनाकर सबको हैरत में डाल दिया।
अपने फैसले में कोर्ट ने अमृतसर से दिल्ली तक चलने वाली स्वर्ण शताब्दी ट्रेन संख्या 12030 किसान के नाम करते हुए उसे घर ले जाने की इजाजत दे दी।
अदालत के इस फैसले की वजह से पूरी की पूरी ट्रेन किसान समपूरण सिंह की हो गई। हालांकि किसान ट्रेन को अपने घर ले जा पाया।