भोपाल/गुना। होलिका दहन इस बार खास मुहूर्त में होगा। इसलिए युवा खासे उत्साहित हैं ओर होलिका दहन की तैयारियों में जुट गए हैं। 12 मार्च रविवार की शाम 6.31 बजे के बाद लगभग दो घंटे तक होलिका दहन के लिए मुहूर्त रहेगा।
पं. लखन शास्त्री ने कहा है कि यह मुहूर्त शुभ है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा से उनकी विशेष कृपा हासिल की जा सकती है।
पं. शास्त्री का कहना है कि होलिका दहन के दूसरे दिन पितरों और देवताओं को भी मनाया जा सकता है। सर्वार्थ सिद्धि योग के चलते इस बार होली देशवासियों के लिए शुभ रहेगी।
उनका कहना है कि फाल्गुनी मास की पूर्णिमा को होलिका दहन इस बार रविवार को होगा। रविवार, सूर्यदेव का दिन होता है इसलिए इस दिन सूर्यदेव की आराधना हर व्यक्ति के लिए लाभदायी रहेगी। होलिका दहन 6.31 बजे से 8.23 बजे तक किया जा सकता है। युवाओं की टोलियां होलिका दहन की तैयारियों में जुट गई हैं।
पितरों की पूजा से दूर होगी बाधा
पं. लखन शास्त्री ने बताया कि इस बार होलिका दहन के दूसरे दिन सुबह उठकर स्नान के बाद पितरों और देवताओं को तर्पण और पूजन करें। क्योंकि यह देवताओं को प्रसन्न करने का योग है। पितरों और देवताओं की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होंगी। परिवार की खुशहाली, स्वास्थ्य व संपन्नता हासिल होगी। इस दिन भगवान गजानन, माता दुर्गा और भगवान नरसिंह की पूजा करने से सर्व सुखों की प्राप्ति होगी।
लगी मांगलिक कार्यक्रमों पर रोक
रविवार 5 मार्च को होलाष्टक लगते ही मांगलिक कार्यक्रमों पर भी विराम लग गया है। होली के बाद सूर्य के मीन राशि में होने से एक माह तक विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं हैं। वैवाहिक आयोजन 15 अप्रैल से शुरू होंगे। होलाष्टक के दौरान विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश आदि कार्य नहीं किए जा सकेंगे। मान्यता अनुसार होलाष्टक के बाद से कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
13 मार्च तक रहेगा योग
पं. शास्त्री के अनुसार सर्वार्थ सिद्धी योग 12 मार्च की शाम 5.42 बजे से 13मार्च की शाम 6.44 बजे तक रहेगा। साथ ही होलिका दहन के लिए राजयोग सुबह 6.45 बजे से शाम तक रहेगा। होली सिद्ध रात्रि को जो भी भगवान नरसिंह की आराधना करेगा वह मनवांछित फल प्राप्त करेगा।