मुंबई। मुंबई महानगरपालिका में अपेक्षा से कम सीट मिलना शिवसेना पचा नहीं पा रही है। इसलिए आनन फानन में मुंबई महानगर पालिका की स्थाई समिति की बैठक बुलाकर मतदाता सूची से 11 लाख मतदाताओं का नाम किस तरह गायब हुआ, इसकी जांच कराए जाने का आदेश महानगरपालिका प्रशासन को दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार मुंबई महानगर पालिका की सूची में वर्ष 2014 में एक करोड़ 2 लाख मतदाताओं के नाम दर्ज थे,लेकिन इस चुनाव में मतदाता सूची में मात्र 92 लाख मतदाताओं के नाम ही दर्ज थे।
पिछले दो सालों में मतदाताओं की संख्या बढ़ने की बजाय 11 लाख आखिर किस आधार पर घट गई ,यह चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि मतदान के दिन बहुत से मतदाताओं को वोट दिए बिना मतदान केंद्रों से वैरंग वापस घर लौटना पड़ा था।
शिवसेना का मानना है कि मतदाता सूची से उनके ही समर्थकों के नाम जानबुझकर काट दिए गए, जिसका खामियाजा शिवसेना को भुगतना पड़ा है और उसकी सीटें 100 से कम हो गई हैं। फिलहाल महानगरपालिका प्रशासन इस मामले की जांच करने वाला है।