नई दिल्ली। अंडमान निकोबार द्वीप समूह स्थित भारत के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी से लावा और राख निकलने लगे हैं।
गोवा में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओसनग्राफी (एनआईओ) के वैज्ञानिकों के मुताबिक बैरन द्वीप पर मौजूद ये ज्वालामुखी 150 सालों से निष्क्रिय रहने के बाद 1991 में सक्रिय हो गया था। उसके बाद ये रह-रह कर सक्रिय हो रहा है।
एनआईए टीम की अगुवाई कर रहे अभय मधोलकर के अनुसार ज्वालामुखी से हर पांच से दस मिनट में विस्फोट हो रहा है। टीम अंडमान बेसिन से उसके सैम्पल इकट्ठे कर रही है।
उन्होंने बताया कि दिन के समय केवल राख के बादल नजर आते हैं लेकिन रात ढलते लाल लावा को ढलानों से नीचे आते देखा जा सकता है।
‘बैरन’ शब्द का मतलब होता है – बंजर, जहां कोई रहता नहीं हो। यह द्वीप अपने नाम पर गया है, यहां कोई मनुष्य नहीं रहता। बैरन द्वीप पर भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
यह द्वीप लगभग 3 किलोमीटर में फैला है। यह अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 500 किलोमीटर उत्तर पूर्व में बंगाल की खाड़ी में स्थित है। बैरन द्वीप अंडमान द्वीपों में सबसे पूर्वी द्वीप है। यह भारत ही नहीं अपितु दक्षिण एशिया का एक मात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
ज्वालामुखी टेकटोनिक प्लाटों में तनाव और पृथ्वी का भीतरी भाग के बहुत गर्म होने पर उभरते हैं। यह द्वीप भारतीय व बर्मी टेकटोनिक प्लाटों के किनारे एक ज्वालामुखी श्रृंखला के मध्य स्थित है।