युवाओं में हृदयाघात और हृदय संबंधी बीमारियों के बढऩे का प्रमुख कारण धूम्रपान और मशालेदार एवं तली भुनी चीजों का अधिक मात्रा में सेवन करना है। इससे बचने के लिए रेशायुक्त भोजन करना चाहिए और व्यायाम को नियमित दिनचर्या का अंग बनाना अति आवश्यक है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. भुवन चन्द्र तिवारी के मुताबिक आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में एक हृदय ही है जिस पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ता है। तनाव, थकान, प्रदूषण आदि कई वजहों से खून का आदान-प्रदान करने वाले इस अति महत्वपूर्ण अंग को अपना काम करने में मुश्किल होती है।
डॉ. तिवारी ने बताया कि पहले जहां 30 से 40 वर्ष तक के बीच हृदय की समस्याएं आंकी जाती थीं, आज यह 20 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी होने लगी है। ऐसे में हृदय की समस्याओं से बचने का एक ही उपाय है कि लोग खुद अपनी कुछ सामान्य जांच कराएं और हृदय संबंधी सामान्य समस्याओं को भी गंभीरता से लें।
चिकित्सकों के मुताबिक जीवनशैली व खान-पान में बदलाव लाकर हृदय रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। इससे बचने के लिए मशालेदार व अधिक तली भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल लोग अधिकतर समय कार्यालय में सिर्फ बैठकर अपना काम करते हैं।
इस स्थिति में शरीर निष्क्रिय जीवनशैली का आदी बन जाता है। आज के युवा कार्यालय में तो बैठे बैठे काफी पीते हैं और फिर घर पर भी रात को देर तक टेलीविजन देखकर सुबह देर से जगते हैं और व्यायाम नहीं करते हैं। ऐसे में हृदय रोगों की आहट आना लाजमी है।
योग विशेषज्ञ एन. एल. यादव बताते हैं कि तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं वे हृदय की पूरी प्रणाली को खराब कर देते हैं। तनाव से उबरने के लिए योग का भी सहारा लिया जा सकता है। प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक व्यायाम करना हृदय के लिए अच्छा होता है।
ये हैं कारण
एक स्थान पर अधिक देर तक बैठकर काम करना।
तनाव में रहना।
कम से कम शारीरिक श्रम करना।
तम्बाकू सेवन या धूम्रपान करना
अस्वास्थ्यकर खान-पान।
ये हैं बचाव
प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक व्यायाम करें।
पौष्टिक आहार लें ।
नमक का सेवन कम करें
कम वसा वाले आहार लें।
ताजी सब्जियां और फल लें।
धूम्रपान व तंबाकू से बचें।
खून में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित रखें।
वजन को नियंत्रित रखें।
-नामदेव न्यूज डेस्क