इंदौर। शनि और मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्यदेव दक्षिण से उत्तरायण हो जाएंगे। ऐसा दुर्लभ संयोग 28 साल बाद बन रहा है जब पिता-पुत्र एक ही घर में होंगे जो सभी राशियों के लिए 10 गुना फलदायी रहेंगे। मकर संक्रांति पर यह महासंयोग बन रहा है जिसमें सर्वार्थ, अमृत, प्रीति, मानस योग के साथ चंद्रमा कर्क राशि में अश्लेषा नक्षत्र का दुर्लभ संयोग रहेगा।
पंडितों का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर शनि राशि मकर में प्रवेश करेगा। इस दिन 14 जनवरी को मकर सक्रांति पर सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, प्रीति, मानस योग के साथ चंद्रमा कर्क राशि अश्लेषा का दुर्लभ संयोग होने से मकर संक्रांति का महत्व कई गुना बढ़ गया है। ज्योतिषियों का भी कहना है कि जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती व ढैय्या का प्रभाव है, वह जातक तिल का दान करेंगे तो उन्हें कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
इस बार मकर सक्रांति पर जो महायोग बन रहे है वह सभी 12 राशियों के जातकों के लिए दस गुना फलदायी रहेंगे। जप-तप करने से सौ गुना फल प्राप्त होगा।
पंडितों के अनुसार मकर सक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान कर दान-पुण्य करने के साथ ही इस दिन ब्रम्हा, विष्णु, महेश और सूर्य की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
साथ ही तिल, मच्छरदानी व घी का दान भी करने का महत्व है तथा इस दिन जप-तप करने से सौ गुना फल प्राप्त होता है।
13 को 16 घंटे का रहेगा पुष्य नक्षत्र
इस बार 13 जनवरी को पुष्य नक्षत्र आ रहा है जो 16 घंटे का रहेगा। सुबह 7.14 बजे से रात्रि 11.14 तक इस नक्षत्र के रहने से खरीदारी भी की जा सकती है।
पंडितों का कहना है कि नए साल में खरीदारी का यह पहला शुभ मुहूर्त होगा। इस दिन संक्रांति पुण्यकाल दिनभर रहेगा। 2017 में इस वर्ष 13 पुष्य नक्षत्र आएंगे। पंडितों का कहना है कि 27 योगो में से एक प्रीति योग परस्पर प्रेम बढ़ाने वाला है जो 13 को 7.14 से शाम 6.26 बजे तक रहेगा।