शिवपुरी। विरोध जताने के आपने कई तरीके देखे-सुने होंगे। मगर शिवपुरी में आमजन ने अपनी सुनवाई नहीं होने पर ऐसा कदम उठाया कि सरकारी अफसरों के हाथ-पैर फूल गए।
शिवपुरी शहर के आसपास स्थित झील और तालाबों में मगरमच्छों की बड़ी संख्या लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। आज सुबह भुजरिया तालाब के नजदीक चिंताहरण कॉलोनी में एक पांच फिट का मगरमच्छ निकल आया। इस मगरमच्छ के निकलने के बाद लोगों ने इसे पकड़ने के लिए वन विभाग की बचाव टीम को फोन लगाया लेकिन वहां किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। तक़रीबन दो घंटे तक लोग मगरमच्छ की दहशत में अपने घरों में बैठे रहे| इस दौरान जब दो घंटे तक बचाव टीम नहीं आई तो गुस्साए लोगों ने इस मगरमच्छ को अपने साधनों से पकड़ा। रेस्क्यू टीम न आने से गुस्साए एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने मगरमच्छ को पकड़ वन विभाग के संरक्षक आरडी संखवार के घर पर छोड़ दिया।
बाद में वन विभाग की टीम पहुंची और इस मगरमच्छ को अपने काबू में कर सिंध नदी में छोड़ दिया | शहर में इस समय चन्दपाठा और इससे लगे प्राचीन जलस्त्रोतों में मगरमच्छों की संख्या काफी बढ़ गई है। आए दिन सिद्धेश्वर कॉलोनी, चिंताहरण, पुरानी शिवपुरी, महल सराय, आदि स्थानों पर मगरमच्छ निकल रहे हैं और इस वजह से तालाब से संलग्न कॉलोनीवासी दहशत में जीवन यापन कर रहे हैं।
शिवपुरी शहर के आसपास जो छोटे-बड़े पांच तालाब हैं उनमें इस समय पांच सौ से ज्यादा मगरमच्छ हैं| यह आए दिन रिहायशी बस्तियों में निकलते रहते हैं। बताया जाता है कि 1978 में चेन्नई के कॉक्रोडाइल पार्क से चार मगरमच्छ लाकर यहां छोड़े गए थे| तब से ही इनका कुनबा बढ़ता चला गया है।
इस साल ही जुलाई से सितंबर के बीच बारिश के दौरान एक दर्जन से ज्यादा रिहायशी इलाकों में मगरमच्छ निकल चुके हैं। शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में लगातार मगरमच्छों की बढ़ती संख्या के बाद भी वन विभाग या पार्क प्रबंधन ने इनकी गिनती नहीं कराई है। पार्क की रेस्क्यू टीम के प्रभारी डॉ जितेंद्र जाटव का कहना है कि आज की तारीख में यह बताना असंभव है कि इस तालाब में कितने मगरमच्छ हैं। उनका कहना है कि बीते दस साल में एक भी बार मगरमच्छों की गिनती नहीं हुई है।