मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अस्पतालों को पुराने हजार व पांच सौ रुपए के लिए मरीजों को परेशान न करने का निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों द्वारा दिया गया चेक अगर बाउंस होता है तो राज्य सरकार उसके ऐवज में दस हजार रुपए की मदद मुख्यमंत्री राहत कोष से करेगी।
हजार व पांच सौ रुपए चलन में बंद हो जाने के बाद राज्य सरकार ने अस्पतालों व अन्य सरकारी सुविधाओं के लिए पुराने नोटों को स्वीकार किए जाने का निर्देश जारी किया है। मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस बाबत बाकायदा मीडिया द्वारा नोट स्वीकार किए जाने का फरमान जारी किया है। इसके बावजूद गोवंडी में एक अस्पताल में पुराने हजार व पांच सौ रुपए का नोट न लिए जाने पर एक बच्चे की मौत हो गई है। इतना ही नहीं निजी अस्पतालों में अब भी मरीजों से हजार व पांच सौ रुपए के नोट स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। इससे मरीजों को बेहद कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को बाल दिवस के उपलक्ष्य में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल में इलाज करवा रहे मरीजों की मदद करने से बड़ी देशभक्ति नहीं हो सकती है। साथ ही नोट न स्वीकार करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी और इसकी शिकायत ऑनलाईन दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवंडी में घटित हुई घटना की जांच के लिए स्वास्थ्य संचालक की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय समिति का गठन किया गया है । इस समिति की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत भी उपस्थित थे।