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चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़ व भीलवाड़ा बने नशा तस्करी के गढ़

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चित्तौडग़ढ़। केन्द्रीय नारकोटिक्स आयुक्त डॉ. सहीराम मीणा ने कहा है कि चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़ एवं भीलवाड़ा तीनों ही जिलो में सर्वाधिक तस्करी के मामले होते आए हैं। तस्करी पर अंकुश लगाना अति आवश्यक है, यही हमारा धर्म और कर्म भी।

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शुक्रवार को केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के आयुक्त (कोटा) डॉ.सहीराम मीणा ने राजस्थान में तस्करी को एक गंभीर विषय बताते हुए कहा कि राजस्थान मे जहां सर्वाधिक अफीम की पैदावार की जाती है वहीं सर्वाधिक ड्रग्स जैसे अफीम, हेरोईन, गांजा, चरस, डोडा चूरा, स्मेक आदि की तस्करी की जाती है जिस पर लगाम लगाना अति आवश्यक है। शुक्रवार को मीणा ने विभाग की जिला नारकोटिक्स अधिकारियों के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए चित्तौड के अल्प प्रवास दौरे पर आए जहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पुराने स्टॉक या किसी भी प्रकार के ड्रग्स को नष्ट करने के निर्देश दिये जिस पर अधिकारियों द्वारा आश्वस्त किया गया कि यह कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ड्रग्स को नष्ट करने के लिए हमें न्यायालय के आदेश का इंतजार करना पड़ता था। 1986 से रखा हुआ ड्रग्स का भी अभी तक निस्तारण नहीं किया गया परन्तु अब supreme court द्वारा यह आदेश दिए जाने पर कि सभी प्रकार के ड्रग्स को जल्द से जल्द नष्ट करना है तो हम इस कार्य में पूर्णरूप से जुट गए हैं इसमें अफीम के अतिरिक्त सभी नशीले पदार्थो को जलाकर नष्ट कर दिया जाता है।
जिला अफीम अधिकारी खण्ड प्रथम एसके सिंह ने बताया कि पिछले 2 माह में तस्करी के 5 मामले हुए है जिसमें सबसे बड़ा चित्तौड़ में 15 किलो अफीम पकडने का मामला भी शामिल है। इसी संबंध में अधिकारियों से मीणा द्वारा विचार विमर्श कर निर्देशित किया गया और अधिकारियों की ओर से आश्वस्त किया गया कि इस पर अंकुश लगाया जाएगा।

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