नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। क्या मां ऐसी भी हो सकती है। क्या वह अपना दूध पिलाते-पिलाते दुधमुंही बच्ची का गला दबा सकती है, क्या वह अस्पताल से इलाज कराकर लौटी नन्ही जान को हमेशा-हमेशा के लिए अपने ही हाथों से मौत की नींद सुला सकती है? इस कलियुग में ऐेसा हो रहा है। जयपुर में एक संपन्न परिवार की महिला ने अपनी चार महीने की बच्ची को महज इसलिए जान से मार दिया कि उसे बेटा चाहिए था, उधर नासिक में एक मां ने अपनी पांच महीने की बच्ची को इसलिए मार डाला कि वह उसे पाल नहीं पा रही थी।
जयपुर में सुभाष नगर प्लॉट नंबर ए 19 निवासी तेल मिल मालिक राकेश गोयल की मासूम बच्ची की गला रेतकर हत्या का पुलिस ने गुरुवार को खुलासा करते हुए उसकी मां नेहा गोयल को गिरफ्तार कर लिया। नेहा ने कबूला कि उसे बेटा चाहिए था। वह बीमार बेटी माइका का अस्पताल से इलाज कराकर लौटी। रात में बच्ची उसके पास सो रही थी कि उसने उसका गला काट दिया और लाश एसी में डाल दी। पुलिस को उसकी मां के नाखून में खून के कण मिले तो वारदात का खुलासा हुआ।
उधर नाशिक जिले के वणी क्षेत्र में दो दिन पहले दुधमुंही बच्ची की मौत के मामले को भी वणी पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस के मुताबिक मां ने ही अपनी पांच माह की बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। कहा गया है कि आरोपी अपने दो बच्चों का पालन पोषण नहीं कर पा रही थी।
पुलिस ने आरोपी को दिंडोरी कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे दो दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। पिछले सोमवार को वंदना मेधने (33) ने सब्जी-रोटी मांगने के बहाने आए दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा पांच माह की अपनी बेटी स्वरा को कुएं में फेंकने का मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज कराते समय ही वंदना की बातों से पुलिस को उस पर संदेह हुआ। केस दर्ज कराते वक्त वंदना अज्ञात व्यक्तियों के हुलिए के संदर्भ में अलग-अलग बयान देती रही। पुलिस उसी दिशा में जांच कर रही थी। पुलिस की सख्ती से जांच-पड़ताल के बाद वंदना सच्चाई को छुपा नहीं पाई और पोल खुल गई। पुलिस के मुताबिक वंदना को दो बच्चे थे। पहला बच्चा रोहित ढाई साल का है और दूसरी बच्ची स्वरा थी। दोनों का पालन-पोषण उससे नहीं हो पा रहा था। साथ ही स्वरा ज्यादा ही रोती और चिड़चिड़ाती थी। इससे तंग आकर मां वंदना ने उसे मौत के घाट उतार दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने अपराध कबूल कर लिया है।