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…और कविता सुनाते ही मंच पर निकले प्राण

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ऋषिकेश। वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के स्थापना दिवस के अवसर पर उस समय मातम छा गया जब कवि धर्मेश्वर दीक्षित ने अपने दिलों से निकले उदगार केा कवि के रूप में कार्यक्रम के दौरान प्रकट करने के उपरान्त दम तोड दिया।

 

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ज्ञात रहे कि वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कवि धर्मेश्वर दीक्षित द्वारा अपना कविता पाठ किया ही था कि अचानक उनकी छाती मे दर्द हुआ जिन्हे अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्होने रास्ते मे ही दम तोड दिया। धर्मेश्वर दीक्षित भारतीय स्टेट बैंक ऋषिकेश से सेवानिवृत्त हुए थे जो कि अपने सेवाकाल से ही कविता पाठ करने मे रूचि रखते थे।

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