वाराणसी। डॉक्टर और निजी अस्पताल पैसों के लिए कितने हैवान बन चुके हैं, इसकी एक और बानगी वाराणसी में सामने आई। यहां एक निजी अस्पताल में मरीज के परिजन से अवैध धनउगाही के लिए अस्पताल प्रबन्धन ने मानवीय संवेदनशीलता को तार तार कर दिया।
दो दिन पहले मरी मरीज को जिंदा बताकर वेंटीलेटर पर रखा और उसके परिजन से इलाज के नाम पर पैसे ऐंठते रहे। जब परिजन को पता लगा तो हंगामा मच गया।
लंका क्षेत्र के रविन्द्रपुरी स्थित अलकनन्दा अस्पताल में यह घटना सामने आई। यहां अवैध कमाई के लिए प्रबन्धन की शह पर मरीज की मौत के बाद भी उसका इलाज चलता रहा। इसकी भनक मृत मरीज के परिजन को लगी तो उन्होंने शव मांगा।
आरोप है कि प्रबन्धन ने ३5 हजार रुपए का बिल थमाते हुए कहा कि जब तक पैसा नहीं मिलेगा शव नहीं दिया जाएगा। इससे नाराज परिजन अस्पताल में हंगामा करने लगे। सूचना पाकर मीडियाकर्मी और क्षेत्रीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर परिजन को शव दिलवाया।
गौरतलब है कि भदोही निवासी प्रकाश चन्द्र राय की पत्नी का इलाज दशहरे के समय से ही अलखनन्दा अस्पताल में चल रहा था। आज अस्पताल कर्मियों के व्यवहार से प्रकाशचन्द्र और उनके बेटे प्रवीण को शक हुआ कि उनका मरीज जिंदा नहीं है। इसके बाद भी अस्पताल में इलाज का नाटक किया जा रहा है।
प्रकाशचन्द्र ने बताया कि उनके मरीज को बिना जानकारी दिए वेंटीलेटर पर रखने की बात कही गई। आरोप लगाया कि मरीज की मौत दो दिन पहले ही हो चुकी है। दो दिनों से अस्पतालकर्मी परिजन को मरीज के पास नहीं जाने दे रहे थे।