श्रीनगर/नई दिल्ली। कश्मीर में स्थिति में सुधार के चलते चार जिलों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, जहां गुरुवार को स्कूलों को फिर से खुलना था। हालांकि एहतियात के तौर पर घाटी के शेष छह जिलों में लोगों की गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी है।
घाटी में अलगाववादियों की ओर से बंद के मद्देनजर बाकी छह जिलों में गुरुवार को लगातार 13वें दिन भी कर्फ्यू जारी रहने से सामान्य जनजीवन प्रभावित है। तनाव और हिंसा के बीच घाटी में आज पांच दिन बाद अखबार प्रकाशित हुए हैं। इससे पहले मीडिया प्रकाशकों ने कहा था कि जब तक सरकार प्रतिबंध नहीं हटाती, तब तक अखबार नहीं छपेंगे जबकि श्रीनगर और बड़गाम में पब्लिकेशन पर कोई प्रतिबंध नहीं था।
घाटी के बांदीपुरा, बारामूला, बडगाम और गंदरबल जिलों से कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन एहतियात के तौर पर इन जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने अपने पूर्व के आदेश में कल संशोधन करते हुए चार जिलों में गुरूवार से स्कूलों को खोलने की घोषणा की। पहले 18 जुलाई को स्कूल खुलने की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन सरकार ने अशांति के कारण गर्मी की छुट्टी 25 जुलाई तक बढ़ा दी थी। हालांकि अधिकारियों ने आज स्कूलों के खुलने के बारे में टिप्पणी नहीं की। इन चार जिलों से मिली खबरों में बताया गया है कि शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।
बांदीपुरा के सामाजिक कार्यकर्ता नजीर अहमद ने बताया कि स्कूलों में कुछ कर्मी ड्यूटी पर पहुंचे लेकिन छात्रों के नहीं आने के कारण वे वापस घर लौट गये। अहमद ने बताया कि शिक्षा मंत्री नईम अख्तर के पैतृक गांव गरूरा में भी स्कूल बंद हैं। उन्होंने कहा कि कृपया लोगों से अपने बच्चों के जीवन को खतरे में डालने की उम्मीद न करें। बारामूला, बडगाम और गंदरबल से मिली अनाधिकारिक खबरों में भी आज स्कूलों के नहीं खुलने की बात कही गयी है। इस बीच, हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी के छह अन्य जिलों में गुरुवार को भी कर्फ्यू जारी है।
उधर, जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के सांसद मुजफ्फर बेग ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए पूछा ‘जब बुरहान सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था तो उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? क्या मारना इतना जरूरी था?’ आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सुरक्षा बलों और पुलिस के बीच शुरु हुई झड़प में अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार हजार से ज्यादा लोग घायल हो चुके है। सेना के विरोध में अलगाववादियों ने 24 जुलाई की शाम को ‘ब्लैक आउट’ करने का ऐलान किया है अलगाववादियों ने अनंतनाग शहर में रैली के लिए जुटने और लोगों से रात 8.30 बजे से आधे घंटे तक अंधेरा रखने (ब्लैक आउट) करने की अपील की है।
जम्मू एवं कश्मीर में विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) ने घाटी के मामले पर मुख्यमंत्री द्वारा गुरूवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। आल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी , मीरवाइज उमर फारुक और मोहम्मद यासीन मलिक ने एक बयान जारी कर कहा कि घाटी में 22 जुलाई तक हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि, गुरुवार दोपहर दो बजे के बाद इसमें छूट रहेगी।
बीजेपी नेता और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा है कि पाकिस्तान के ‘काला दिवस’ मनाने के बाद कश्मीर में हालात बिगड़े हैं। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने भी बुधवार को घाटी का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की और सेना को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सख्ती से निगरानी के निर्देश भी दिए।