भोपाल। मध्य प्रदेश के मानवाधिकार आयोग ने विकास और महिला सुरक्षा के दावों के बीच झाबुआ के स्वास्थ्य केंद्र में अंधेरे में प्रसव होने और राजधानी में मुख्यमंत्री आवास के करीब युवती से छेड़छाड़ व उसके कपड़े फाड़े जाने की घटना को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
राज्य मानव अधिकार आयोग की ओर से गुरुवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि झाबुआ के पेटलावद के ग्राम बेकल्दा में बिजली का बिल नहीं भरे जाने से बिजली आपूर्ति रोक दिए जाने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अंधेरे में प्रसव होने की घटना को संज्ञान में लिया गया है। आयोग ने इस सिलसिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ से रिपोर्ट तलब की है।
आयोग ने उनसे पूछा है कि बिजली का बिल कितनी अवधि से जमा नहीं कराए जा रहे हैं और बेकल्दा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली की व्यवस्था की अब क्या स्थिति है।
आयोग ने राजधानी में मुख्यमंत्री आवास के पास पोलीटेक्निक कॉलेज से निकलकर आ युवती के साथ आरोपी सैय्यद साहिद अली द्वारा छेड़छाड़ किए जाने एवं महिला द्वारा विरोध करने पर उसके कपड़े फाड़ दिए जाने की घटना को संज्ञान में लिया है। आयोग ने इस घटना के संबंध में भोपाल के पुलिस अधीक्षक की कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने छतरपुर जिले के बड़ामलहरा की बौकना प्राथमिक शाला में मध्यान्ह भोजन में दाल कम पड़ने के कारण आधे बच्चों के भूखे रहने की सामने आई। घटना पर जिलाधिकारी से प्रतिवेदन तलब किया है। आयोग ने उनसे पूछा है कि त्रुटिकर्ता स्वसहायता समूह के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है।
इसके अलावा आयोग ने राजधानी के बैरागढ़ में अस्पतालों तथा नर्सिग होमों द्वारा अस्पतालों से निकलने वाली सिरींज, खाली बोतलें, इंजेक्शन आदि जोखिम वाले कचरे को सड़क के किनारे झाड़ियों में फेंकने एवं इससे रहवासियों के स्वास्थ्य पर विपरीत पड़ने की आशंका के चलते मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।