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सिंहस्थ में करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार, कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

    भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने आरोप लगाया है कि उज्जैन सिंहस्थ में करोड़ों रूपए का भ्रष्टाचार हुआ है। जिसे कांग्रेस मध्यप्रदेश विधानससभा के मानसूत्र सत्र में उठाएगी। श्री यादव ने कहा कि गत दिनों 5500 करोड़ रूपयों का खजाना लुटाकर संपन्न सिंहस्थ में हुए भारी भ्रष्टाचार में सरकारी खजाने से आस्था की आड़ में इसे राजनैतिक अखाड़ा बना दिये जाने को लेकर कांग्रेस ने उच्च न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचारियों का समूह प्रदेश में इन दिनों जारी परंपराओं के अनुरूप दस्तावेजी सबूतों को नष्ट न कर सके।

विदित हो कि 22 अप्रैल से प्रारंभ हुआ आस्था का यह महापर्व 21 मई, 2016 को अंतिम शाही स्नान के साथ संपन्न हुआ, जिसमें धर्म, आस्था, श्रृद्धा और विश्वास के साथ सरकार में काबिज जवाबदारों और उनके चहेते ने राजनीतिकरण के साथ-साथ प्रवाहित हुए भ्रष्टाचार रूपी अमृत का भरपूर रसास्वादन किया।
वहीं कांग्रेस ने इस आयोजन की ग्लोबल ब्रांडिंग पर ही करीब 60 करोड़ रूपये खर्च किये गये, जगह-जगह लगाये गये बेनर, पोस्टर, स्वागत द्वारा और विज्ञापनों में सरकारी खर्च पर सरकारीकरण कर ऐसा संदेश दिया गया, मानो यह कोई धार्मिक आयोजन न होकर कोई सरकारी आयोजन है।


घटिया निर्माण कार्यों, फर्जी ठेकों, कचरा प्रबंधन, लाल पत्थर के रोड़ डिवाईडर, विभिन्न तरह की सप्लायों, सफाई ठेका, 35 हजार शौचालयों का निर्माण एवं खरीदी, सेंट्रल लाईटों व अन्य विद्युतीकृत कार्यों, पुल-सडक़ों-घाटों के निर्माण, घाटों की पुताई और किसानों के खेतों का समतलीकरण करने, ओजोन गैस द्वारा पानी की सफाई का 9.51 करोड़ रूपये में दिया गया ठेका आदि के नाम पर भारी भरकम भ्रष्टाचार हुआ है। प्रति नग 750 की दर से 7 करोड़ रूपयों के पानी पीने के मटके खरीदे गये, 5 करोड़ रूपये मूल्य की स्वास्थ्य सामग्री के लिए 60 करोड़ रूपये चुकाये गये, जिनके सिंहस्थ की खरीदी रेट और सरकारी रेट में बहुत बड़ा अंतर है। लघु उद्योग निगम ने जो दाम निर्धारित किये वे सरकारी अस्पतालों में तय की गई खरीद की कीमत से कई गुना ज्यादा है।