भिण्ड। मेहगांव जनपद के प्रमुख गांव सुनारपुरा में सर्वसमाज के लोगों ने एकत्रित होकर निर्णय लिया है कि सुनारपुरा गांव का कोई भी व्यक्ति परिवार मृत्युभोज नहीं करेगा और न ही किसी के यहां मृत्युभोज के आमंत्रण पर शामिल होगा।
यह निर्णय भाजपा के वरिष्ठ नेता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष केपी सिंह भदौरिया की अगुवाई में आयोजित सर्वसमाज की एक समूहिक बैठक में लिया गया।
उक्त शुरुआत सुनारपुरा गांव के निवासी डॉ. सुरेन्द्र सिंह भदौरिया के भतीजे धीरेन्द्रपाल सिंह भदौरिया के निधन पर ग्रामीणों ने मृत्युभोज न करने की पहल शुरू की है और संकल्प लिया है कि भविष्य में न तो ग्राम सुनारपुरा में कोई मृत्युभोज होगा और नहीं सुनारपुरा के मृत्युभोज में शामिल होने जाएंगे।
बैठक में बैंक अध्यक्ष केपी सिंह भदौरिया ने कहा कि मृत्युभोज के कारण कई ऐसे परिवार जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, लेकिन सामाजिक दवाब के चलते सामथ्र्य से अधिक फिजूल व्यय मृत्यु भोज पर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जो उनकी आर्थिक स्थिति को और प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है कि इस सामाजिक व्यवस्था को बंद किया जाए।
जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं और खर्च करना चाहते हैं तो वे मृत्यु भोज पर खर्च न कर समाज के उत्थान व सामुदायिक विकास के लिए अपना योगदान अपने पुरखों के पुण्य स्मरण में करें। और ऐसे गरीब परिवार के बच्चों की शिक्षा को आगे बढ़ाने में भी योगदान दें। इससे समाज में उन्नति एवं ग्राम का विकास होगा।
बैठक में आस-पास के गांवों में जाकर मृत्युभोज बंद कराने का संकल्प कराया गया। इस अवसर पर क्षत्रिय सुधार संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही तथा सभी जाति के लोगों ने इस पर सहमति दी कि भविष्य में गांव में पूर्णत: त्रियोदशी/ मृत्युभोज बंद कर दिया जाएगा।