सतना। छोटा परिवार सुखी परिवार के नारे पर अमल करते हुए एक युवक ने अपनी नसबंदी कराई लेकिन वह फेल हो गई। उसकी पत्नी एक बार फिर मां बन गई। कुपोषित बच्ची पैदा होने पर युवक अन्न जल त्याग कर अनशन पर बैठ गया है। वह सरकार से मुआवजे की मांग कर रहा है।
बारी खुर्द निवासी पीड़ित सुमित कुमार साकेत ने बताया कि दो बच्चों के बाद उसने अपनी नसबंदी करा रखी थी। इसके बावजूद उसकी पत्नी को गर्भ ठहर गया। गत 14 दिसंबर को जिला अस्पताल में उसकी पत्नी के एक बेटी पैदा हुई। यह बच्ची कुपोषित है। अब उसके पास इतनी धनराशि नहीं है कि वह बेटी का उपचार करा सके और पालन पोषण कर सके।
डॉक्टरों की लापरवाही
सुमित का कहना है कि उसकी नसबंदी सही तरीके से नहीं हुई थी। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण यह सब हुआ है। सभी जांच पड़ताल कराने के बाद डॉक्टर का कहना है कि नसबंदी फेल होने के कारण ऐसा हुआ। हालांकि तीसरी संतान होने के बाद इस बार उसने पत्नी की भी नसबंदी करा दी है।
उसने स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई और मुआवजे की मांग की। विभाग के अफसर उसे चक्कर काटने लगे तो वह जिला मुख्यालय पर आकर अनशन पर बैठ गया।
मालूम हो कि सतना जिले में बीते साल नसबंदी फेल होने के 97 मामले सामने आए हैं। सरकार ने ऐसे मामलों में बतौर हर्जाना 30 हजार रुपए की राशि एक माह के अंदर देने का नियम बना रखा है लेकिन सुमित को अब तक मुआवजा नहीं मिला है।