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बीमा रकम की खातिर खुद की ‘हत्या’, नौकर को बनाया शिकार

रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के कमेड गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार की ‘कथित हत्या’ के मामले में आज नाटकीय मोड़ आया और हिम्मत पाटीदार स्वयं हत्यारा निकला। उसने बीमा आदि की रकम पाने के लिए स्वयं से मिलते जुलते इंसान की हत्या कर दी और पहचान छिपाने के लिए उसका चेहरा भी जला दिया।

पुलिस ने इस मामले की गुत्थी छह दिनों में सुलझाकर फरार आरोपी हिम्मत पाटीदार की तलाश शुरू कर दी है। उस पर दस हजार रूपए का इनाम घोषित कर दिया। तेइस जनवरी को कमेड गांव में की गई हत्या के मामले में शव के आधार पर जिस व्यक्ति की पहचान शुरूआत में हिम्मत कोठारी के रूप में की गई थी, दरअसल वह गांव का ही मदन मालवीय निकला, जो कभी हिम्मत के खेत पर कार्य करता था और उसकी कद काठी हिम्मत से मिलती जुलती थी।

पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि आरोपी हिम्मत पाटीदार ने अपने गांव में रहने वाले युवक मदन मालवीय को धारदार हथियार से हमला कर मार दिया और पहचान छुपाने के लिए उसका चेहरा जला दिया। साथ ही हिम्मत पाटीदार नाम के दस्तावेज मृतक की जेब में रख दिए।

तिवारी ने कहा कि आरोपी हिम्मत पाटीदार ने अपनी मौत का झूठा षड़यंत्र रचा। शुरूआती जांच में आए तथ्यों के अनुसार हिम्मत पर काफी कर्जा हो गया था। उसके नाम से लगभग 20 लाख रूपए की बीमा पालिसी है। उसका सोचना था कि उसकी मौत के बाद बीमे की राशि मिलेगी और यह पैसा उसके काम आ जाएगा।

आरोपी हिम्मत पाटीदार ने बड़ी चालाकी से अपने ही खेत पर दो साल पहले काम करने वाले कमेड गांव निवासी मदन मालवीय की हत्या कर दी। आरोपी ने मृतक की कद-काठी एक जैसी होने का फ़ायदा उठाते हुए उसे मारकर उसकी जेब में मोबाइल फोन, पर्स, आधारकार्ड, एटीएम कार्ड और एक पॉकेट डायरी रख दी, जिसमें हिम्मत के बीमा से जुड़ी जानकारी, बैंक खाता, एफडी और उधारी खाता संबंधी जानकारी का जिक्र था।

तिवारी ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान सूचना प्राप्त हुई कि कमेड गांव का ही मदन नाम का एक व्यक्ति, जो लगभग दो साल पहले हिम्मत पाटीदार के खेत पर मजदूरी करता था, 22 जनवरी को रात में अपने ही घर से खेत पर बोलकर निकला था। वह वापस घर नहीं पहुंचा है। इस तथ्य को केंद्रित कर जांच की गई तो हत्या से जुड़ी परत दर परत खुलती गई।

इसी के साथ अपराध से जुड़े कई अहम सुराग मिले। घटनास्थल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर रोड के किनारे कपड़े व जूते मिले, जो मदन के थे और उनके परिजनों ने इन कपड़ों काे पहचान लिया। इसके बाद पुलिस का शक पुख्ता हो गया और विधिविज्ञान प्रयोगशाला सागर से डीएनए टेस्ट के जरिए स्पष्ट हो गया कि मृत व्यक्ति हिम्मत पाटीदार नहीं, गांव का ही मदन मालवीय है।

हिम्मत पाटीदार की हत्या के बाद काफी राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थीं। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के साथ उम्मीद जताई है कि आरोपी जल्दी ही उसकी गिरफ्त में आ जाएगा।

रतलाम मामले में खुलासे के बाद भाजपा पर कांग्रेस का हमला

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने रतलाम जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार से जुड़े मामले के खुलासे के बाद आज भारतीय जनता पार्टी नेताओं को निशाने पर लिया है।

सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि इस मामले में खुलासे के बाद क्या अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयंसेवक की हरकत पर धरना देंगे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा को राज्य में सत्ता जाने के बाद पार्टी नेताओं के लेनदेन और अंतर्कलह के मामलों को निपटाने के लिए एक समिति बनाना चाहिए। इससे कई अपराध रुक जाएंगे।

रतलाम जिले में हाल ही में संघ कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार की हत्या की जानकारी भाजपा और संघ से जुड़े नेताओं ने देते हुए राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमले किए थे। इस हत्याकांड के विरोध में भाजपा ने कई जगह विरोध प्रदर्शन और धरने आदि भी किए थे।

इस घटनाक्रम के बाद आज यहां गृह मंत्री बाला बच्चन ने भी पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इंदौर, रतलाम और मंदसौर आदि स्थानों पर हुई हत्याओं में भाजपा और इससे जुड़े लोग ही शामिल हैं।