शहडोल। ग्रंथपाल के साथ फ्लैट बेचने के नाम पर जालसाजी व धोखाधड़ी करने की शिकायत सामने आने के बाद कोतवाली पुलिस ने शहर के नामी बिल्डर स्वास्तिक एसोसिएट के चार प्रमोटर्स पर धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।
इस संबंध में स्थानीय यूनिवर्सिटी में पदस्थ ग्रंथपाल एवं लाइब्रेरी के विभागाध्यक्ष योगेशलाल श्रीवास्तव निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ने कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें स्वास्तिक बिल्डर्स के प्रमोटर्स पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने स्वास्तिक ग्रीन सिटी में एक ही फलैट को दो अलग-अलग को बेंच दिया। जबकि मुझसे लाखो रुपये मकान का एडवांस लिया गया था, जो अब तक नहीं लौटाया गया है।
इस संबंध में कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह ने बताया, पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी के ग्रंथपाल एवं लाइब्रेरी के विभागाध्यक्ष योगेशलाल श्रीवास्तव निवासी न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ने 20 फरवरी 2012 को स्वास्तिक एसोसिएट के संजय जैन के माध्यम से 44 लाख 90 हजार के एक फ्लैट की बुकिंग छह लाख रुपये देकर कराई थी, जिसकी उन्हें रसीद भी दी गई।
इसके बाद एक डीड भी तैयार करके योगेशलाल श्रीवास्तव को दी गई। कुछ समय बीत जाने के बाद जब खरीदार योगेश ने बिल्डर्स से सेल डीड मांगी तो यह कहा गया कि इसके लिए कलेक्टर ने अनुमति लेनी पड़ती है। उसके बाद ही सेल डीड दे पाएंगे।
बिल्डर्स ने यह भी कहा कि सेल डीड के लिए कलेक्टर के पास अनुमति लगा दी गई है। जैसे ही अनुमति आएगी, आपको रजिस्टार कार्यालय बुलाकर प्रापर्टी की रजिस्टी करवा दी जाएगी। कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह ने बताया, योगेशलाल श्रीवास्तव की शिकायत पर पुलिस ने शनिवार को संजय जैन, मनोज जयसिंघानी, कुलजीत सिंह दुआ, मंजीत सिंह अरोरा के खिलाफ धारा-420, 406, 34 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है।
छह लाख रुपये ली गई थी एडवांस बुकिंग…
पीड़ित योगेशलाल श्रीवास्तव ने कोतवाली पुलिस को बताया कि जिस प्रापर्टी की बुकिंग मेरे द्वारा एक साल पहले छह लाख रुपये देकर स्वास्तिक एसोसिएट में कराई गई थी, उसी प्रापर्टी को बिल्डर्स द्वारा एक साल बाद प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाली रवि सिंह पिता सुरेश प्रताप सिंह को बेंच दी गई।
जब इस बात की जानकारी मुझे लगी तो मैने एडवांस राशि वापस करने की मांग की। लेकिन उनके द्वारा आनाकानी की जाने लगी। रवि सिंह को जो प्रापर्टी बेची, साल 2013 में उसका नामांतरण भी करवा दिया गया। कोतवाली पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित ने बताया कि जब उसके द्वारा एडवांस की राशि वापस मांगी जा रही है तो बिल्डर्स द्वारा राशि वापस नहीं लौटाई जा रही है। जबकि पैसे दिए हुए मुझे 10 साल हो चुके हैं।