छिंदवाड़ा। देश में जहां उड़ीसा में कन्धे पर पत्नी का शव रखकर 12 किमी पैदल यात्रा करने की घटना सुर्खियों में है। इसी बीच छिंदवाड़ा के तामिया विकासखण्ड के ग्राम आलीवाड़ा में स्थानीय पुलिस और समाजसेवियों का मानवीय पहलू सामने आया है। तामिया शासकीय अस्पताल में उपचार के पहले ही एक बच्चे की मौत के बाद टीआई मोहन सिंह मर्सकोले ने अपनी सरकारी जीप से मृतक बच्चे के परिवार को आलीवाड़ा भिजवाया। वही स्थानीय युवाओं ने आर्थिक मदद की। बच्चे के शव को सडक़ किनारे देखते ही समाजसेवी युवा की सूचना पर टीआई ने अपने सरकारी वाहन में अनिल उइके को उसके ग्राम आलीवाडा भिजवाया।
आलीवाडा निवासी अनिल पिता मंशाराम परतेती अपनी पत्नी कविता के साथ दो बच्चो को 108 एम्बुलेंस से मुख्यमार्ग स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया था। अनिल ने बताया कि उसके दो वर्षीय बेटे आकाश को सुबह उल्टी हुई थी उसके बाद उसको चाय पिलाई फिर 108 से उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो वर्षीय बालक आकाश ने दम तोड़ दिया। वही अनिल की एक साल की बेटी मुस्कान का उपचार कर दवा दी गई। सरकारी अस्पताल में डॉ विजय सिंह ने उल्टी से पीडित बच्चे की नब्ज देखकर उसके जीवित नही होने की जानकारी देने के साथ घर ले जाने की बात कही।
बेटे की आकस्मिक मौत से दुखी पति पत्नी अस्पताल से निकलकर मुख्यमार्ग के पास रोते रहे। लगभग दो घंटे बाद समाजसेवी युवाओं ने पीडित परिवार को ढाढस बंधाया। तामिया पुलिस थाने के नगर निरीक्षक मोहन सिंह मर्सकोले ने सूचना मिलते ही पीडि़त परिवार को अपनी सरकारी जीप चालक सुनील अहके को निर्देशित कर से आलीवाडा पहुंचाया। पुलिस द्वारा मानवीयता का पहलू अमूमन कम सामने आ पाता हैं। वही स्थानीय पुलिस तथा समाजसेवी युवायों की पहल से घंटो सडक पर बैठे मृत बच्चे के परिवार को राहत देने की पहल नगर मे चर्चा का विषय बनी हुई हैं।