धार। रास्ते चलते गश खाकर गिरी एक गर्भवती युवती को लोगों ने धामनोद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उसने एक नवजात को जन्म दिया। लेकिन 18 वर्षीय युवती ने बच्चे को साथ ले जाने से मना करते हुए कहा – किसी को भी दे दो, नहीं तो फेंक दो। मैं इसे अपने साथ नहीं ले जाऊंगी। जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन युवती बच्चे को वही छोड़ जींस-टाॅप पहन और चेहरे पर स्कार्फ बांधकर पुलिस के सामने से निकल गई।
सामुदायिक स्वास्थ केंद्र धामनोद में बुधवार को यह दिल विचलित करने वाली घटना हुई। धामनोद बीएमओ महेंद्रपाल सिंह डावर ने बताया कि युवती जब यहां आई थी तब उसकी डिलीवरी होने ही वाली थी। युवती की जिद थी कि वह बच्चा नहीं ले जाएगी।
उसका कहना था कि मैं छात्रावास में पढ़ती हूं, मेरे घर इस बात का पता भी नहीं चलना चाहिए, वर्ना वो मुझे जान से मार डालेंगे।
इस पर अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस बुला ली। महिला एवं बाल विकास विभाग और वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया है। पालना गृह के तहत बच्चे को धार रैफर कर दिया।
वाह री !
इस तरह सबके सामने बच्चे को छोड़कर जाने वाली मां को नहीं पकड़ने पर लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस लावारिस नवजात मिलने पर अज्ञात मां के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध करती है लेकिन यहां तो उसके सामने अपराधी महिला नवजात को छोड़कर चली गई और पुलिस देखती रही।
बिना कानूनी प्रक्रिया के सौंपा बच्चा
पुलिस और अस्पताल प्रबंधन ने पीछा छुड़ाने के लिए धामनोद के एक निःसंतान दंपति को बिना कानूनी प्रक्रिया के नवजात को सौंप दिया। बच्चा अस्वस्थ होने से उसे जिला अस्पताल धार रैफर किया गया, जहां उसे एनआईसीयू में भर्ती किया गया है।