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चिता पर जिंदा हो गया मुर्दा, अस्पताल में इलाज जारी

मुरैना. जिस शख्स को मरा हुआ जानकर लोग उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे. श्मशान ले जाकर चिता पर लिटाने तक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, वह अंतिम समय में जैसे सोते से जाग उठा. है न हैरान कर देने वाली बात. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) से ऐसा ही एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, एक शख्स को मुर्दा समझकर परिवार वाले श्मशान घाट लेकर आ गए. अंतिम संस्कार की सारी तैयारी हो गई थी, तभी अचानक लोगों को पता चला कि युवक में अभी भी जान है. इसके बाद सभी हैरान रह गए. इसके बाद शमशान घाट पर डॉक्टर को बुलाया गया. यह अजीबोगरीब मामला मुरैना शहर के वार्ड क्रमांक 47 के शांति धाम का है.

जीतू प्रजापति नाम का युवक किडनी से जुड़ी समस्या से लंबे समय से जूझ रहा था. मंगलवार को अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई. परिजनों को लगा कि उसकी मौत हो गई है. कुछ लोगों ने नाक और मुंह पर उंगली रखकर सांस चेक किया, सीने पर कान रखकर उसकी धड़कने भी सुनी गई, लेकिन जब उन्हें लगा कि वह जिंदा नहीं है तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को बुलाकर उसकी अर्थी सजाई. फिर अंतिम यात्रा लेकर शांतिधाम पहुंचे, जहां युवक का कुछ ही देर में अंतिम संस्कार होने वाला था.

शमशान पर आए डॉक्टर
चिता भी सजा ली गई थी तभी उसका शरीर अचानक से हिलने डुलने लग गया. ऐसा लग रहा था कि मानो वह यह कह रहा हो कि मैं जिंदा हूं. इसी हलचल को देखकर उसके परिजनों ने फौरन शांति धाम में डॉक्टर बुलाया. जहां डॉक्टर ने युवक की ईसीजी चेक करने के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया.

 

अगर जरा सी भी देरी हो जाती तो ऐसा भी हो सकता था कि लोग उसका अंतिम संस्कार कर देते. फिलहाल अभी भी युवक की हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं जीतू प्रजापति की शव यात्रा में शामिल हुए व्यक्ति का कहना है कि युवक को मृत समझकर उसके अंतिम संस्कार की पूरी तैयारियां कर ली गई थी, लेकिन अचानक से ऐसा लगा कि युवक की अभी सांस चल रही है.

 

यही वजह है कि डॉक्टरों को बुलाया गया. डॉक्टरों ने ईसीजी की जिसके बाद उन्होंने युवक को ग्वालियर रेफर कर दिया. वहीं सीएमएचओ राकेश शर्मा का कहना है कि युवक को उसके परिजनों ने मृत समझकर अंतिम संस्कार करने के लिए शांति धाम लेकर आए थे, लेकिन शरीर में कुछ हलचल होने के बाद उसे ग्वालियर रेफर किया गया है. होता यह है कि वेरीफाई करने से पहले 2 बार चेकअप किया जाता है. आधा घंटे की अंतराल में उसके बाद ही पुष्टि होती है.