भोपाल। मध्यप्रदेश के कॉलेजों में छात्र अब रामचरितमानस का पाठ पढ़ेंगे। उच्च शिक्षा विभाग के निर्णय के अनुसार ग्रेजुएशन के पहले साल में रामचरितमानस का पाठ पढ़ाया जाएगा। नए सत्र से रामचरितमानस को एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को रामसेतु के बारे में पढ़ाने की तैयारी भी है।
प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति को लागू करने के साथ कॉलेज में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस में भी बदलाव किया गया है जिसके तहत अब कॉलेज में प्रवेश के साथ ही छात्र रामचरितमानस का जीवन दर्शन भी पढ़ सकेंगे। ग्रेजुएशन के पहले साल में शामिल होने वाला रामचरितमानस का सब्जेक्ट ऑप्शनल होगा।
कॉलेज में रामचरितमानस का पाठ पढ़ाए जाने को लेकर मंत्री मोहन यादव ने तर्क देते हुए कहा कि महापुरुषों के ज्ञान से चरित्र का निर्माण होता है। जब युवा रामचरितमानस का पाठ पढ़ेंगे तो मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम की तरह उनमें चरित्र निर्माण होगा। कॉलेजों में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर छात्रों को रामचरितमानस का पाठ पढ़ाएंगे।
वहीं उच्च शिक्षा विभाग के इस फैसले के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार पर शिक्षा का भगवाकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस समाज में वैमनस्य को बढ़ावा मिलेगा क्यों कि कॉलेज में सभी धर्म, संप्रदाय के छात्र पढ़ते है।