इंदौर. इंदौर कलेक्ट्रेट के करोड़पति बाबू मिलाप चौहान के लॉकर अभी और रुपया-पैसा और धन संपत्ति उगल रहे हैं. अब तक उसके 28 बैंक खातों का पता चल चुका है. वो सरकारी पैसा तीन साल से अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर रहा था. साथ ही दो नंबर की कमाई अपनी अय्याशी पर भी खर्च करता था. उसने कई गर्लफ्रेंड्स बना रखी हैं जिन पर ये सरकार का पैसा उड़ा रहा था.
इंदौर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू मिलाप चौहान पर गबन का गंभीर आरोप लगा था. शुरुआती वक़्त में पता चला था कि यह गबन एक करोड़ रूपये से ज्यादा का था. कलेक्टर ने बाबू को निलंबित कर जांच के लिए एडीएम राजेश राठौर के नेतृत्व में टीम गठित कर दी थी.
जांच में बाबू की कारगुजारी के कई खुलासे हुए. खुलासा हुआ कि बाबू ने लगभग पांच करोड़ रूपये से अधिक का गबन किया है. गबन का ये पैसा 28 अलग अलग खातों में ट्रांसफर किया. इसमें कई खाते उसके रिश्तेदारों के थे, बहरहाल अब भी आशंका है कि गबन की राशि का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.
कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू मिलाप चौहान 12 वीं पास है. उसने सरकार के लेखा अफसरों की अनदेखी का भरपूर फायदा उठाया. हितग्राही मूलक योजना के वापस आने वाले पैसे में सेंधमारी कर दी और ये पैसा अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करता रहा. इतना ही नहीं यह खेल लम्बे समय तक जारी रहा.
शुरुआत में ये आंकड़ा महज 1.04 करोड़ का था जिसमें खुद के अलावा पत्नी के खाते में जमा हुई राशि का पता चला था. लेकिन बाद में जानकरी मिली कि चौहान ने लगभग 28 खातों में पैसे जमा कराए थे जिसका आंकड़ा 5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. इसमें एक करोड़ की राशि लगभग खुद के खाते में तो पत्नी, भाई, व् अन्य रिश्तेदारों के खातों में जमा करता था.