इंदौर। इंदौर के मूक-बधिर परिवार में जन्मी वर्षा डोंगरे प्रतियोगिता में ‘मिस इंडिया’ चुनी गईं। बाद में वर्षा इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से मिलने के लिए उनके कार्यालय पहुंचीं और कहा कि मैं इंदौर के विकास में सहयोगी बनकर अपना योगदान देने को तैयार हूं।
एक मूक-बधिर परिवार में जन्मी वर्षा डोंगरे ने ‘मिस इंडिया’ बनकर इंदौर शहर का नाम रोशन किया है। वर्षा अपनी इन्हीं उपलब्धियों के साथ इंदौर के कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं, जहां चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि मेरे माता-पिता भी मूक-बधिर हैं। जबकि पिता की मौत हो चुकी है।
ये आयोजन आगरा में आयोजित हुआ था, जिसमें सामान्य प्रतिभागियों की ‘स्टार लाइन मिस इंडिया कांटेस्ट’ में 1 हजार प्रतिभागी शामिल हुई थीं, जिसमें मिस इंडिया अवॉर्ड के लिये 40 युवतियों का चयन किया गया था। उनमें वर्षा को ये उपलब्धि हासिल हुई है।
मैं शहरवासियों और परिवार के सहयोग से एकमात्र मिस इंडिया प्रतियोगिता में प्रतिभागी थी। इस प्रतियोगिता में सफलता का श्रेय मैं अपने परिवार और शहरवासियों को देना चाहती हूं। साथ ही इस शहर के विकास में मेरा व्यक्तित्व अगर कोई काम आ सके तो मैं सहयोग देने को भी तैयार हूं।
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वहीं जब इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह से चर्चा की तो उन्होंने बहुत ही खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इंदौर की होनहार बच्ची इस मुकाम पर पहुंची, उसका हमें गर्व है और उसकी पढ़ाई और परवरिश के लिए जो भी सहायता जिला प्रशासन, नगर निगम कर सकता है, वह करेगा साथ ही वर्षा को निगमायुक्त प्रतिभा पाल से कहकर सफाई अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनाने की भी कोशिश की जाएगी।