भोपाल। भोपाल सेन्ट्रल जेल ब्रेक कर भागे सिमी के आठ आतंकवादियों को पकड़ने में मददगार खेजड़ा देव पंचायत का सरपंच अब दहशत में हैं। सरपंच ने आशंका जताई हैं कि घटना के बाद से ही कोई लगातार उसका पीछा कर रहा हैं जिससे वह डरे हुए हैं। अब सरपंच पुलिस से शिकायत करने और सुरक्षा मुहैया कराने की बात कह रहे हैं।
सिमी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद मीडिया की सुर्खियों में हीरो बनकर उभरे खेजड़ा देव पंचायत के सरपंच मोहन सिंह मीणा अब दहशत में हैं। सरपंच की मानें तो घटना के बाद से कुछ संदिग्ध उन पर नजर रख रहे हैं। कहीं आने-जाने पर उनका पीछा किया जा रहा है। मंगलवार को सुबह घर से निकलने और फिर वापस लौटने तक बजाज पल्सर पर सवार कुछ संदिग्धों ने उनका पीछा रात तक किया। मंगलवार शाम को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आतंकियों को पकड़वाने में मददगार रहे ग्रामीणों का सम्मान भी किया जिसमें मोहनलाल भी शामिल हुए।
मोहनलाल के अनुसार शाम को घर से वे अपनी कार से लाल परेड ग्राउंड के लिए निकले। कुछ दूर जाने के बाद उन्होंने गौर किया कि बाइक पर हेलमेट पहने दो लोग उनका पीछा कर रहे हैं। काफी देर तक वह पीछे थे, मैंने वीआईपी रोड पर कुछ देर के लिए गाड़ी रोकी। उन्होंने भी थोड़ी दूरी पर अपनी बाइक रोक दी।
जब गाड़ी स्टार्ट कर मैं फिर आगे बढ़ा तो वे भी पीछे-पीछे चलने लगे। कुछ देर बाद एक जगह और गाड़ी रोकी तो वे फिर दूरी बनाकर रुक गए। इस दौरान सरपंच ने बाइक का नम्बर देखना चाहा लेकिन दूर होने के कारण समझ नहीं पाए। सीएम के हाथों सम्मान पाने के बाद घर लौटते वक्त भी इसी तरह पीछा किया गया। सरपंच ने बताया कि वे इस बात से काफी डरे हुए हैं और फिलहाल सतर्कता बरत रहे हैं। बुधवार सुबह होते ही इस बात की जानकारी पुलिस और एडमिनिस्ट्रेशन को देंगे।
सरपंच ने बताया कि गांव लौटने पर पता चला कि मंगलवार को दो लोग गांव में जमीन खरीदने आए थे। यहां जमीन का भाव 30 लाख रुपए एकड़ है लेकिन वे 50 लाख रुपए प्रति एकड़ का भाव देने को तैयार थे। वे जल्दी जमीन खरीदना चाहते थे। सरपंच के मुताबिक जमीन खरीदने का कारण पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि मुर्गी पालने के लिए सेंटर बनाएंगे।