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आखिरी उम्मीद टूटी, धन्ना सेठों ने गटर में बहाए पुराने नोट

जबलपुर। नोटबंदी के बाद बैंक में जमा करने पुराने एक हजार और पांच सौ के नोटों की मियाद खत्म होने के बाद हताश जमाखोरों ने इन्हें नाले-नालियों में बहाना और जलाकर नष्ट करना शुरू कर दिया है।

शनिवार को बलदेव बाग से उखरी रोड पर सड़क किनारे गटर में पड़े मिले हजार और पांच सौ नोटों ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया वहीं इसके पहले सुबह-सुबह सिविक सेंटर में पांच सौ के जले हुए नोट मिलने से लोग हैरान रह गए। लोगों को मिले पांच सौ के इन जले हुए नोटों को जिला प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा।

उखरी रोड पर एक किराना दुकान के पास गटर में मिले नोटों के बारे में बताया जा रहा है कि सुबह सफाई करने वालों की इन पर नजर पड़ी जिसने क्षेत्रीय लोगों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद मौके पर जा कर देखा गया तो वहां फटे हुए नोटों के टुकड़े नाली और उसके बाहर मिले।

नोट मिलने के बाद से ही क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा है और लोग क्षेत्रीय धन्नासेठों का नाम लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। फटे हुए इन नोटों को रात में या अलसुबह कौन कब फेंक गया इसकी जानकारी किसी को नहीं है|

क्षेत्रीय नागरिक रतन पटेल, श्यामराव,फूलचंद गोंटिया, प्रीतम ठाकुर, राकेश बर्मन आदि ने बताया कि सुबह से अब तक कोई इनके बारे में स्पष्ट नहीं बता पाया है।खास बात यह है कि क्षेत्र में नाली में फटे हुए नोट पड़े हैं| इसकी सूचना सुबह 10 बजे तक तो पुलिस को भी नहीं थी जबकि उखरी पुलिस चौकी से चंद कदमों की दूरी पर ही इसके चलते भीड़ लगी रही और कुछ नोटों के टुकड़े सड़क पर भी पड़े हुए थे।