इंदौर। इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में चूहों द्वारा नवजात बच्चे की एड़ी कुतरे जाने पर मचे बवाल के बाद अस्पताल प्रशासन ने मंगलवार रात एक महिला नर्स को निलंबित कर दिया।
इसके साथ ही, एमवायएच में साफ-सफाई और सुरक्षा की ठेकेदार कंपनी के दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं और कंपनी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
एमवायएच के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया कि घटना की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई। ठाकुर के मुताबिक इस समिति में अस्पताल का एक प्रशासकीय अधिकारी और दो डॉक्टर शामिल थे।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने चूहों द्वारा नवजात बच्चे की एड़ी कुतरे जाने के मामले का मंगलवार को ही संज्ञान लिया और प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की।
आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इस निकाय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने मीडिया की खबरों के आधार पर इंदौर संभाग के आयुक्त (राजस्व) और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक से 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है।
अधिकारी के मुताबिक रिपोर्ट इस बारे में मांगी गई है कि शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) की नर्सरी (वह स्थान जहां नवजात बच्चों को देख-भाल के लिए रखा जाता है) में सोमवार को चूहों ने नवजात बच्चे की एड़ी आखिर किन हालात में कुतर दी।
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इस बीच, एमवायएच के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न किए जाने की शर्त पर समाचार एजेंसी को बताया कि 23 दिन के बच्चे को अस्पताल की नर्सरी के झूले में रखा गया था जहां उसकी एड़ी को चूहों ने कुतर दिया। उन्होंने बताया, ‘विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में बच्चे के घाव की मरहम-पट्टी की जा रही है। फिलहाल उसकी हालत ठीक है।’
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अधिकारी के मुताबिक एमवायएच में चूहों के हमले का शिकार बच्चा गर्भावस्था की सामान्य अवधि से करीब दो महीने पहले जन्मा था और प्रसव के वक्त उसका वजन सिर्फ 1.3 किलोग्राम था। इसलिए उसे नर्सरी में रखकर उसकी देखभाल की जा रही थी।