भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी की संपत्ति तीन साल में 16 हजार गुना बढ़ने का समाचार वेबसाइट ‘द वायर’ द्वारा खुलासा किए जाने के बाद मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जय शाह द्वारा रतलाम जिले में पवन ऊर्जा चक्की लगाने पर 15 करोड़ रुपए का निवेश किए जाने और उन्हें भूमि आवंटित किए जाने का ब्यौरा मांगा है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज को लिखे पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री जी, अमित शाह के बेटे जय शाह द्वारा रतलाम जिले में पवन ऊर्जा चक्की लगाने पर 15 करोड़ के किए गए निवेश और दी गई जमीन के बारे में कृपया खुलासा करें, क्योंकि वे इसके योग्य नहीं हैं।
कांग्रेस नेता सिंह ने पत्र में सवाल उठाया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की स्टॉक कंपनी ने क्या मध्यप्रदेश और जनहित में रतलाम में निवेश किया है? जय शाह ने 2़ 1 मेगावाट की पवन चक्की लगाई है, जिसका उल्लेख वेबसाइट ‘द वायर’ के खुलासे में हुआ है।
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जिस कंपनी की पवन ऊर्जा में विशेषज्ञता ही नहीं है, उसे रतलाम की बेशकीमती जमीन कैसे दे दी गई? क्या अमित शाह के डर से उनके बेटे को काम दिया गया? सिंह ने लिखा कि इस पूरे मामले में षड्यंत्र की बू आ रही है। प्रदेश में एक विशेष किस्म का भ्रष्टाचार पनप रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि एक निजी कंपनी का बचाव करने केंद्रीय मंत्री सामने आ रहे हैं। इससे जाहिर है कि सत्ताधारी नेता हजारों युवा उद्यमियों के भविष्य बर्बाद कर अपने-अपने बच्चों, भाई-भतीजों की कंपनियों को करोड़ों के काम दे रहे हैं।
सिंह ने पत्र में लिखा कि मुख्यमंत्री एक तरफ प्रदेश के युवाओं को उद्योग लगाने और उन्हें टाटा, अंबानी बनने का सपना दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के भाजपा नेताओं और अपने सगे-संबंधियों को करोड़पति बनाने के लिए नियम-कायदों को ताक पर रख देते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने सवाल किया कि अमित शाह के बेटे, भाजपा से जुड़े नेता और बाबाओं को ही यहां निवेश करने की छूट क्यों हैं?
सिंह ने कहा कि अमित शाह का बेटा ही क्यों, प्रदेश का कोई युवा उद्यमी रतलाम में निवेश क्यों नहीं कर सकता? इस सवाल का स्पष्ट जवाब शिवराज को देना चाहिए, क्योंकि अमित शाह के बेटे की कंपनी का टर्नओवर अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है।
उन्होंने इस पर आश्चर्य प्रकट किया कि आरोप जय शाह पर लगा है, लेकिन देश के रेलमंत्री सफाई दे रहे हैं, जिन्होंने मुंबई ओवरब्रिज पर भगदड़ के बारे में बोलना जरूरी नहीं समझा, जिसमें 22 लोग मर गए थे