आगामी दिनों में बसन्त पंचमी आने वाली है। नामदेव समाज जगह-जगह धूमधाम से सन्त नामदेव जी का ज्ञानोदय दिवस मनाएगा। जगह-जगह भोजन प्रसादी होगी लेकिन अन्न की बर्बादी रोकना हम सभी का दायित्व है। भोजन करने बैठे समाज बंधु को पूरी मनुहार तो करें लेकिन यह भी ध्यान रखें कि भोजन की बर्बादी नहीं हो।
सभी भाई बहन व खासकर कमेटी के पदाधिकारी इस-बात मत अमल करें तो-सही हो सकता है। विशेष कर भोजन प्रसादी-परोसने वाले की अहम जिम्मेदारी बनती है कि किसी को जबरदस्ती कुछ नहीं परोसें।
मैंने बहुत जगह देखा कि पंगत में अपने रिश्तेदारों की पत्तल में जबरदस्ती परोसकर प्रेम भाव दिखाते हैं। ऐसा प्रेम किस काम का? इससे झूठा बच जाता है और भोजन प्रसादी की बर्बादी होती है।
इस बार सभी आयोजक और परोसकारी करने वाले खास ध्यान रखें तो अन्न की बर्बादी रुक सकती है।
-छगन बी. छीपा बरलूट