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नामदेव समाजबंधु सावधान! वाट्सअप ग्रुप की बदनीयती का भंडाफोड़


नामदेव न्यूज डॉट कॉम
अजमेर। नामदेव समाजबंधु सावधान हो जाइए। अगर आपको कोई पुत्र-पुत्रियों के लिए उचित जीवन साथी तलाशने का झांसा देकर किसी वैवाहिक वाट्सअप ग्रुप से जोड़े तो सतर्क रहें। हाल ही महिलाओं के प्रति बदनीयती रखने वाले एक ऐसे वाट्सअप ग्रुप का भंडाफोड़ हुआ है।
स्वयं को नामदेव समाज का बताने वाला एक शख्स वाट्सअप पर वैवाहिक ग्रुप का संचालन कर रहा है। नामदेव समाज का नाम जुड़ा होने के कारण कई समाजबंधु इस ग्रुप से जुड़ गए। इसी कड़ी में कई युवक-युवतियां अपना बायोडाटा भी ग्रुप में पोस्ट करने लगे। आपसी विश्वास और सामाजिक सद्भाव के झांसे में आकर मूलत: गुजरात व हाल मुंबई निवासी एक महिला ने अपना बायोडाटा सेंड कर दिया। इसके बाद से उस महिला का मानों जीना दूभर हो गया। महिला को अलग-अलग नंबरों से फोन आने लगे। भद्दे कमेंट होने लगे और तस्वीरे पोस्ट करने का दबाव बनाया जाने लगा।

इसी बीच ग्रुप की गतिविधियों पर नजर रख रहे नामदेव समाज के वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवक अहमदाबाद निवासी अशोक आर.गहलोत ने माजरा भांप लिया। उन्होंने अन्य समाजबंधुओं को तत्काल सतर्क किया और ग्रुप से संबंधी जानकारी जुटाने लगे। उन्होंने पीडि़त महिला से फोन पर बात की तो महिला का दर्द फूट पड़ा। उसने बताया कि नामदेव समाज से संबंधित लोगों का ग्रुप समझकर वह इससे जुड़ी मगर उसके साथ विश्वासघात हुआ। उसे बेहूदा फोन व मैसेज आने लगे। समाजसेवक अशोक आर.गहलोत ने उसे पूरी तरह आश्वस्त किया और सामाजिक स्तर पर हरसंभव मदद का विश्वास दिलाया। हिम्म्मत पाकर महिला ने गु्रप संचालक के खिलाफ पुलिस में शिकायत देने का मानस बनाया है।
अन्य समाजों के लोग भी सदस्य
गहलोत ने समाजबंधुओं के बीच खुलासा किया कि उक्त ग्रुप में एडमिन ने अन्य समाजों के लोगों को भी जोड़ रखा है। अगर ग्रुप का नाम नामदेव समाज से जोड़ रखा है तो फिर अन्य समाजों के लोगों को एड करने का क्या औचित्य है। वह भी तब जब ग्रुप में नामदेव समाज के युवक-युवतियां अपना बायोडाटा पोस्ट कर रहे हैं। जाहिर है एडमिन व उसके दोस्तों ने महिलाओं के प्रति बदनीयती के चलते इस ग्रुप को माध्यम बना रखा है। फिलहाल सभी समाजबंधु एक-एक करके इस ग्रुप से लेफ्ट हो रहे हैं। साथ ही फोन करके एडमिन को फटकार भी लगा रहे हैं।
हर कदम पर सावधानी की दरकार
आपसी दूरियां और सामाजिक बिखराव के कारण आज ज्यादातर लोग अलग-थलग पड़ गए हैं। अपनी संतान के विवाह के लिए उन्हें आसानी से समाज के युवक-युवती नहीं मिल पाते। तब मजबूर होकर लोग इंटरनेट, मैरिज ब्यूरो या फिर इस तरह के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ते हैं। कई लोग इसका फायदा उठाने से भ्भी नहीं चूकते और मौजमस्ती का मौका तलाशने लगते हैं। इंटरनेट आदि पर उचित जीवन साथी की तलाश में कई बार छोटी-बड़ी चूक हो जाती है और फिर उसका गंभीर ख्खामियाजा भुगतना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि लोग अपने को समाज से अलग ना समझकर उसका हिस्सा समझें, समाजबंधुओं की राय लें, अपनी संतान के लिए जीवन साथी का चयन समाज से ही करें क्येोंकि समाज के बंधन में ही व्यक्ति अनुशासित रह सकता है।