News NAZAR Hindi News

बारसा धाम : चढ़ावे और बोलियां लगा सकेंगे नामदेव समाज बन्धु

न्यूज नजर डॉट कॉम
पाली। राजस्थान के पंढरपुर के नाम से विख्यात पाली जिले के बारसा धाम में इस बार कोरोना के कारण दो दिवसीय जगमोहन का जगराता वार्षिक समारोह नहीं होगा। नामदेव समाज का यह दो दिवसीय मेला आगामी 25-26 दिसम्बर को आयोजित होना था लेकिन पाली उपखंड अधिकारी से अनुमति नहीं मिलने के कारण इस बार आयोजन निरस्त किया गया है।
श्री नामदेव जगमोहन सेवा संस्थान पदाधिकारियों ने बताया कि हर साल बारसा धाम में धूमधाम से भगवान जगमोहन का जगराता मनाया जाता है लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है। इस कारण मोक्षदा एकादशी (गीता जयन्ती) पर 25 एवं 26 दिसम्बर को आयोजन नहीं होगा।
अलबत्ता उस दिन नामदेव समाज बंधु अपने-अपने घरों में ही भगवान जगमोहन और सन्त नामदेव की पूजा अर्चना करेंगे।

कोरोना जागरुकता रैली

बारसा धाम में 25 दिसम्बर को केवल संस्थान के कार्यकारिणी सदस्य ही एकत्र होकर पूजा अर्चना करेंगे। साथ ही संस्थान पदाधिकारी और गांव के सरपंच मिलकर बारसा गांव में कोरोना जागरुकता रैली निकलेंगे।

आर्थिक सहयोग

उन्होंने बताया कि बारसा धाम में नामदेव समाज की धर्मशाला का निर्माण के लिए आगामी दिनों में संस्थान के पदाधिकारी धन संग्रहण के लिए निकलेंगे। समाजबंधु उन्हें यथाशक्ति सहयोग कर पुण्य के भागीदार बन सकेंगे।

 

बारसा धाम में धर्मशाला का निर्माण का कार्य भी चालू है, अतः जिन महानुभावों की रकम बकाया है, वे  संस्थान के बैंक खाते में जमा कर नीचे लिखे मोबाइल नंबर पर सूचना देंवे। 

चढ़ावों की बोलियों के लाभार्थी होंगे शामिल

इस वर्ष सोशल मीडिया के माध्यम से बारसा धाम के कार्यक्रमों का चढ़ावों और व्यवस्थाओं की विभिन्न बोलियों का लाभ लेने का कार्यक्रम रखा है, अतः जो भी महानुभाव लाभ लेना चाहे वे निम्नलिखित लाभ लेकर भगवान श्री जगमोहन जी और संत शिरोमणि श्री नामदेव जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

१. श्री गजानन जी महाराज को हार चढ़ावा –

 

*रूपये ५१००/- मात्र*

 

२. *श्री भक्त और भगवान को स्नान और केसर चढ़ाना -*

 

*रुपये ५१००/- मात्र*

 

३. *श्री जगमोहन जी भगवान को पोशाक का चढ़ावा -* 

 

*रुपये ५१००/- मात्र*

 

४. *श्री हनुमान जी महाराज को पुष्प हार   का चढ़ावा -*

 

*रुपये ५१००/- मात्र*

 

५. *श्री मंदिर जी पर तोरण बांधने का चढ़ावा -*

 

*रुपये ५१००/-मात्र*

 

६. *श्री तुलसी जी 🪴को चुंदड़ी ✡️ ओढ़ाने का चढ़ावा -*

 

*रूपये ५१००/- मात्र*

 

७. *श्री धर्म ध्वजा का चढ़ावा -*

 *रूपये ११०००/- मात्र*

 

८. *श्री भगवान जी की महाआरती का चढ़ावा -* 

 

*रूपये ५१००/- मात्र*

 

९. *श्री भगवान जी को पंचमेवा प्रसाद का चढ़ावा -*

 

 *रूपये ५१००/- मात्र*

 

१०. *मंदिर में लाइट व्यवस्था और सजावट का चढ़ावा -*

 

*रुपये ५१००/- मात्र*

 

११. *भोजन प्रसादी का चढ़ावा -*

*रुपए ११०००/-  के ५ (पांच) लाभार्थी भी लाभ ले सकते हैं।*

 

*कुल ₹55000 का खर्च*

 

 

*बारसा धाम संस्थान के बैंक खाते का विवरण:-*

 

*स्टेट बैंक ऑफ इंडिया,*

*शाखा :- पाली मारवाड़* 

*आईएफएससी कोड :- SBIN0031547*

 

*खाते का नाम:-*

*नामदेव जगमोहन मंदिर सेवा संस्थान*

 

*खाता संख्या – 51042 932763*

 

 

आप अपना नाम निम्नलिखित मोबाइल नंबरों पर सूचित कर सकते हैं।

 

*मोबाइल नंबर :-*

☎️

9829381368

9413394791

9414120212

सन्त नामदेव की चमत्कार स्थली

 कर्म और भक्ति का संदेश देने वाले संत शिरोमणी नामदेव महाराज केवल नामदेव अनुयायियों ही नहीं, बल्कि विभिन्न समाजों में पूजे जाते हैं। अतीत में समय की मांग के अनुरूप भक्ति की प्रतिष्ठापना करने के लिए उन्होंने चमत्कार भी दिखाए या फिर यूं कह लीजिए कि उनकी भक्ति समर्पण के आगे खुद ही चमत्कार होते गए। ऐसे ही एक चमत्कार का साक्षी रहा है राजस्थान का बारसा धाम जिसे राजस्थान का पंढरपुर भी कहा जाता है।

पाली के वरिष्ठ समाजबंधु पूरण परमार ने बताया कि राजस्थान का पंढरपुर बारसा धाम मारवाड जंक्शन के पास पाली जिले में स्थित है। यहां संत शिरोमणि नामदेव जी ने अपने तप की शक्ति से मंदिर को घुमा दिया था जो आज भी उसकी स्थिति में विद्यमान है। खास बात यह है कि बारसा गांव में नामदेव समाज का एक भी घर नहीं है। मगर इस मंदिर में संत नामदेव की मूर्ति को सभी ग्रामीण पूजते हैं। मेले में हजारों नामदेव बंधु दूर-दूर से आते हैं।

इसलिए है मान्यता
संत शिरोमणी नामदेव जी उत्तर भारत की यात्रा के दौरान काशी से कोलायत बीकानेर होते हुए मारवाड़ क्षेत्र में पधारे तो खारची (वर्तमान मारवाड़ जंक्शन के पास) गांव बारसा में रुके थे। बारसा में 2000 साल पुराना कृष्ण मंदिर है जो जगमोहन जी के मंदिर के नाम से जाना जाता है। किंवदंती है कि भगवान जगमोहन ने संत नामदेव के लिए पूरे मंदिर को ही पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर घुमा दिया था और अपने परम भक्त को अपने समकक्ष बैठाया और पुजवाया। यहां भगवान जगमोहन की मूर्ति की पुन: स्थापना 12 मई 2014 को की गई।