आज से सावन मास शुरू हो चुका है। हरतरफ भगवान भोले की विशेष पूजा-अर्चना का दौर जोरों पर है। धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव को बिल्वपत्र बहुत पसंद हैं। उनकी पूजा बिल्वपत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। माना जाता है कि शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से भगवान भोले बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और आपकी मनचाही मुराद पूरी करते हैं। एक बिल्वपत्र को कई बार धोकर भी चढ़ा सकते हैं।
यह बरतें सावधानी
मान्यता है कि बिल्वपत्र चढ़ाने से शिव जी का मस्तक शीतल रहता है। यह जरूरी सावधानी बरतें कि बिल्वपत्र में तीन पत्तियां हों। इसके अलावा पत्तियां खराब न हों। बिल्वपत्र चढ़ाते समय जलधारा साथ में जरूर अर्पित करना चाहिए।
इन खास दिनों में बिल्वपत्र की पत्तियां तोडऩा वर्जित
शास्त्रों के अनुसार सोमवार, अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या, पूर्णिमा और संक्रांति को बिल्वपत्र की पत्तियां नहीं तोडऩी चाहिए। ऐसी स्थिति में पत्तियां एक दिन पहले तोड़कर रखी जा सकती हैं।