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सरस्वती प्रतिमाओं ​का गाजे-बाजे के बीच विसर्जन, युवा जमकर थिरके

वाराणसी। धर्म नगरी वाराणसी में दो दिन तक हंसवाहिनी के विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद धूमधाम से उनकी प्रतिमाओं का विसर्जन श्रद्धालुओं ने चिहिन्त तालाब कुंडों में किया।

इसके पूर्व विभिन्न क्लबों, कालेजों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालय के छात्रावासों में मां सरस्वती की प्रतिमाओं को विदा करने के लिए युवा और क्षेत्रीय महिलाएं जुटी।

विधि विधान से मां की प्रतिमाओं का पूजन करने के बाद विसर्जन के लिए एक दूसरे पर अबीर-गुलाल उड़ाते और नाचते गाते हुए चिहिन्त तालाबों कुंडों पर पहुंचे और अगले बरस जल्दी आने की कामना कर विदाई दी।

युवाओं ने विसर्जन के समय तक एक-दूसरे को भी अबीर का तिलक लगाकर फागुनी रंगत बिखेरी।

इस दौरान विसर्जन स्थल पर एनडीआरएफ की चार टीम किसी भी हादसे से निपटने के लिए सभी सुविधाओं से लैस होकर मुस्तैद रही। एनडीआरएफ के कमांडेट आलोक कुमार सिंह के अनुसार मूर्ति विसर्जन के लिए कम्पनी बाग, पहड़िया पोखरा, शंकुलधारा, ईरगंगी में दो-दो बोट लगायी गयी थी। हर टीम में एनडीआरएफ के 12-12 जवान तैनात रहे। इसमें दो डीप ड्राइवर लाइफ जैकेट वाले जवान भी शामिल रहे।