न्यूज नजर : मान्यताओं व प्राचीन कथाओं के आधार पर आदि काल से ही सात बहनों को आदि शक्ति के सात रूपों में माना जाता है।
आदि शक्ति ने नाग रूप धारण कर अपनी सात शक्तियों को नागिन अवतार के रूप में अवतरित किया तथा सातो शक्तियों को एक सामूहिक शक्ति के रूप में ही माना जाता है। यह देवियाँ आने वाले संकट से मानव व जीवों की रक्षा करती है तथा युद्ध की देवियाँ कहलाती हैं।
ऐसी मान्यता है कि शुंभ निशुभ के युद्ध के समय रक्त बीजं को मारकर ये सात शक्तिया उसके ऊपर आसन लगा कर बैठ गयीं और बीजासन कहलायी।
आद्य शक्ति ने सृष्टि की रचना मे कई देवी शक्तिया को प्रकट किया ।इन शक्तियो मे सात शक्तियो का अपना विशेष महत्व है ।सृष्टि की इन सातु शक्तियो को एक साथ आद्य शक्ति ने अपने पार्वती अवतार के साथ ही प्रकट किया था ।सातु के एक साथ प्रकट होने से यह सात बहने कहलायी ।इनकी शक्ति बीज मंत्रो के साथ ही जाग्रत होती है इसलिए यह बिजासन माता भी कहलायी। ऐसी प्रचीन मान्यताएं है।
पार्वती की इन सहेलियो ने शिव के रूप पर तंज कसे तो शिव जी ने भी उन्हे वरदान दे दिया कि तुम सब दुनिया मे अपने तंज की तरह ही रहोगे ।इस पर पार्वती शिव पर क्रोधित हो गयी तब तुरन्त शिव ने कहा यह वरदान है इन सातो की दुनिया मे सर्वत्र पूजा इसी रूप मे होगी ।तब से सात बहनो की सात प्रकृति बन गयी ।
काल भेद, स्थान भेद ,भाषा भेद से यह अलग अलग नामो से से पूजने लगी ।
बाया सा महाराज, सातु बहना, बिजासन माता, महामाई, मावडलिया, जोगमाया, जोगणिया, आदि कई नामो से इन देवियो को चमत्कारिक देवी के रूप मे आज भी गांव, ढाणी, मजरो, शहरों मे इन्हे पूजा जाता है ।
किसी भी शुभ कार्य मे मेहदी, काजल, कुकू व पीठी की सात सात टिकिया दीवारो पर लगाई जाती है । शादी के अवसर पर भी बिजासन माता की उजली मैली पातडी विवाह मे लायी जाती है ।
इन्हे सांवली व उजली दो रूपो मे पूजा जाता है ।तथा चावल लापसी पताशे मोली काजल टीकी मेहदी कुमकुम सात भात की मिठाई लकड़ी का पालना पीली ओढनी आदि अर्पण किये जाते है ।ऐसी मान्यता है कि बच्चो के अच्छे स्वास्थ्य के लिए तथा पति की लम्बी उम्र के लिये तथा घर मे अन्न धन लक्ष्मी सदा बरसती रहे के लिए भी इन्हे पूजा जाता है ।सप्तमी ओर चतुर्दशी इनकी पूजा के लिए विशेष दिन माने जाते है ।
ऐसी मान्यता है कि आज भी तीनो संध्याओ मे सातु बहना का पालना आकाश मार्ग से सृष्टि मे भ्रमण करता है ईमली,बोरडी, गूदी ,बड इन पेडो मे इनकी उपस्थिति मानी जाती है ।कभी कभार किसी ने किसी को तीनो सन्ध्या मे इनके पालने से घुँघरू की आवाज सुनाई देती है ।
जिनके संतान नही हो या बाहरी बीमारी हो या धन की कमी हो तो इनकी पूजा से तुरंत चमत्कार मिलते है ।
दैवी भागवत महापुराण के द्वादश स्कंध के मणि दीप अध्याय मे सात शक्तियो का उल्लेख मिलता है। यह सभी आस्था ओर श्रद्धा के विषय है।