उज्जैन। मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। यहां विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल नौ दिन तक प्रतिदिन दूल्हे के रूप में दर्शनार्थियों को दर्शन दे रहे हैं।
ऐसी परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। महाशिवरात्रि के पूर्व भगवान को अलग अलग रूपों में श्रंगारित कर दूल्हे के रूप में सजाया जाता है। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर को आकर्षक विद्युत सज्जा से विवाह मंडल के रुप में सुसज्जित किया गया है।
मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक अवधेश शर्मा ने बताया कि 16 फरवरी को मन्दिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान चन्द्रमौलेश्वर का पूजन करने के साथ ही कोटितीर्थ कुण्ड के पास स्थापित कोटेश्वर महादेव एवं श्री महाकालेश्वर भगवान का पूजन कर नौ दिवसीय शिवनवरात्रि के पूजन का संकल्प लिया गया।
इसके साथ ही 11 ब्राह्मणों द्वारा पूजन किया गया। शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा शासकीय के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मण श्री महाकालेश्वर भगवान का अभिषेक एकादश-एकादशमी रूद्रपाठ से क्र रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शिवनवरात्रि में प्रतिदिन शाम को भगवान महाकाल को नवीन वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। नौ दिन तक बाबा महाकाल विभिन्न स्वरूपों में जैसे- शेषनाग, घटाटोप, छबीना, मनमहेश आदि स्वरूपों में बाबा महाकाल नौ दिन भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मन्दिर में भगवान महाकाल को शिवनवरात्रि के दूसरे दिन 17 फरवरी को शेषनाग श्रृंगार, 18 फरवरी को घटाटोप श्रृंगार, 19 फरवरी को छबीना श्रृंगार, 20 फरवरी को होलकर श्रृंगार, 21 फरवरी को मनमहेश श्रृंगार, 22 फरवरी को उमा-मनमहेश श्रृंगार किया गया।
23 फरवरी को शिवतांडव श्रृंगार, 24 फरवरी को महाशिवरात्रि श्रृंगार, 25 फरवरी को सप्तधान श्रृंगार के साथ ही प्रतिदिन कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाल, छत्र आदि वस्त्र एवं आभूषण पहनाए जाएंगे।